नई दिल्ली। हिन्दी के प्रख्यात कवि, पत्रकार व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कोरोनावायरस संक्रमण से निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे। करीब 12 दिन पहले कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आए डबराल ने एम्स में आखिरी सांस ली।
जनसंस्कृति मंच से जुड़े और उनके नजदीकी रहे संजय जोशी ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और हालत बिगड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
जोशी ने बताया कि रघुबीर सहाय और मंगलेश डबराल दोनों का पेशा पत्रकारिता था, लेकिन उनका अपना सृजन कविता में था। पहाड़ के विस्थापन के अलावा उन्होंने शहरी जीवन पर काफी लिखा। वे प्रतिपक्ष, पूर्वग्रह, अमृत प्रभात आदि पत्रिकाओं से जुड़े रहे और लंबे समय तक जनसत्ता में काम किया।
उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, नए युग में शत्रु, एक बार आयोवा आदि शामिल हैं। डबराल को साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा शमशेर सम्मान, स्मृति सम्मान, पहल सम्मान और हिन्दी अकादमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से सम्मानित किया गया था। (भाषा)