नई दिल्ली। भारत में निर्मित कोरोनावायरस के टीके को मंजूरी देने पर सवाल उठाने के लिए भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और कहा कि इससे विदेशी ताकतों को मदद मिल रही है। भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्षी दलों पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप भी लगाया और कहा कि वे भारत को आत्मनिर्भर बनते देखना नहीं चाहते।
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं, जो सतत प्रयास कर रही हैं कि भारत आत्मनिर्भर न बन सके। तुच्छ राजनीति करने पर आमादा है। टीके को लेकर भी राजनीति कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कोरोनावायरस के टीकों को मिली मंजूरी से जहां पूरा देश खुश है, वहीं कांग्रेस के नेता भ्रम फैला रहे हैं और अव्यवस्था का माहौल पैदा करने की पूरी कोशश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टीके से जुड़े वैज्ञानिक और सरकारी संस्थाओं ने इससे जुड़ी तमाम आशंकाओं के निराकरण का लेकर बयान दिए हैं लेकिन विपक्षी दल इसका राजनीतिकरण करने में लगे हुए हैं। उन्होंने यह याद भी दिलाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसकी प्रशंसा की है।
पात्रा ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा टीके को 'भाजपा का टीका' कहने के लिए निशाना साधा लेकिन मुख्य रूप से उनका हमला कांग्रेस पर केंद्रित रहा। पात्रा ने विदेशी मीडिया द्वारा भारतीय टीके को विवाद के रूप में पेश किए जाने का जिक्र करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा कि आखिर इससे किसका फायदा होगा?
इससे विदेशी ताकतों को फायदा होगा। इससे बाहरियों को फायदा होगा। इससे किसे नुकसान होगा? इससे हमारे देश को नुकसान होगा। इससे हमारे देश के वैज्ञानिकों और उनके आत्मबल को नुकसान होगा। कांग्रेस और ये विपक्षी पार्टियां क्यों हमारे वैज्ञानिकों की मजबूती और आत्मविश्वास को तोड़ना चाहती हैं? भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि जब भी भारत खुश होता है तो कांग्रेस को दुख होता है। कांग्रेस को गांधी परिवार के अलावा और किसी पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि आज जब कोरोना को टीका आया है तो इससे 2 प्रजातियां बहुत परेशान हैं। कोरोनावायरस बहुत परेशान है और कांग्रेस पार्टी परेशान है। कोरोनावायरस के दिन अब गिने-चुने रह गए इसलिए वह परेशान है। कांग्रेस क्यों परेशान है, उसे इसका जवाब देना पड़ेगा।
पात्रा ने इस अवसर पर कांग्रेस में नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पर भी तंज कसा और कहा कि कोविड-19 भी चला जाएगा, मंगल ग्रह में पानी मिल जाएगा और चंद्रमा पर लोग रहने लगेंगे लेकिन कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नहीं चुना जाएगा। जनता को मोदीजी के नेतृत्व पर, भारत के वैज्ञानिकों पर भरोसा है तथा कांग्रेस अपने घर के अंदर भरोसा ढूंढने वाले अपना अध्यक्ष ढूंढे, बाद में टिप्पणी करे, बाद में इस प्रकार की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी करें।
ज्ञात हो कि भारत के औषधि नियामक डीसीजीआई ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी। डीसीजीआई ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के कोविड-19 एसईसी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर मंजूरी दी है।
हालांकि कांग्रेस के आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश सहित कुछ नेताओं ने सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके को दी गई मंजूरी को लेकर गंभीर चिंता प्रकट की करते कहा था कि यह कार्य जल्दबाजी में किया गया है और खतरनाक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि अखिलेश ने गत शनिवार को एक बयान में कहा था कि वे भाजपा की कोरोना वैक्सीन नहीं लगाएंगे, क्योंकि उन्हें भाजपा पर भरोसा नहीं है। सपा अध्यक्ष के इस बयान की खासी आलोचना हुई थी। भाजपा ने इसे वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों का अपमान करार दिया था। (भाषा)