Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

38 दिन, 8 रिपोर्ट पॉजिटिव, कोरोना को मात देकर घर लौटा ये शख्‍स

हमें फॉलो करें 38 दिन, 8 रिपोर्ट पॉजिटिव, कोरोना को मात देकर घर लौटा ये शख्‍स

नवीन रांगियाल

, रविवार, 17 मई 2020 (16:53 IST)
कोरोना वायरस के कारण देशभर में कई लोगों की जानें जा रही हैं। लेक‍िन कुछ कोरोना हीरो ऐसे भी हैं, जो इस वायरस को मात देकर मौत से जीत रहे हैं। ऐसे लोग इस संकट के समय में ज‍िंदगी के जज्‍बे की म‍िसाल बन रहे हैं। इंदौर शहर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

यहां एक शख्‍स कोरोना पॉज‍िट‍िव न‍िकला। 38 दि‍नों तक अस्‍पताल में रहा और उसकी 8 र‍िपोर्ट पॉजिट‍िव आई, लेक‍िन आखि‍रकार इस तरह वो एक द‍िन घर लौटा।

इंदौर में नए मामले आने के साथ ही रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट या लक्षण से डरने वाले लोगों के लिए मिसाल है इंदौर के सेवकराम। आमतौर पर कोरोना पॉजिटिव 14 दिन में ठीक होकर घर लौट आते हैं। पर सेवकराम की 14 दिन पूरे होने के बाद भी लगातार आठ रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर भी इसने हिम्मत नहीं हारी।

अंततः 38 दिन तक हॉस्पिटल में रहने के बाद उन्होंने कोरोना को मात दे दी। लॉकडाउन के 45 दिनों में से सेवकराम ने 38 दिन अस्पताल में गुजारे। सेवकराम मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा दिन अस्पताल में रहने वाले मरीज भी है। सेवकराम लाखों लोगों के लिए मिसाल हैं जो सिर्फ कोरोना के लक्षण से ही डर जाते हैं।

जब इस योद्धा के ल‍िए बजाई ताल‍ियां
सेवकराम स्वस्थ होकर जब घर लौटे तो परिवार भावुक हो उठा। मोहल्ले के लोगों ने भी तालियां बजाकर इस योद्धा का स्वागत किया। सेवकराम ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार किया और कोरोना से बचाव के तरीके भी बताए।
इंदौर के नयापुरा जेल रोड निवासी सेवकराम घर पर ही कपड़ों पर प्रेस करते हैं। अचानक तबियत खराब होने के कारण 8 अप्रैल को एमटीएच हॉस्पिटल में भर्ती हुए। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 12 अप्रैल को उन्हें एमआरटीबी हॉस्पिटल भर्ती कर दिया गया। जहां पहली बार पता चला कि उन्हें शुगर भी है। घबराहट बढ़ गई। अनचाहे ख्याल आने लगे। मगर, परिवार की चिंता के चलते हिम्मत नहीं हारी। ईलाज जारी रहा। 8-10 दिन से सेवकराम को लग रहा था कि वह स्वस्थ्य हो चुके हैं। हालांकि शुगर के कारण डॉक्टर जल्दबाजी नहीं करना चाहते थे।

सेंपलिंग की गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि लक्षण खत्म हो चुके थे। सेवकराम की जिद के आगे डॉक्टर भी आठ दिन से लगातार सेंपलिंग करके पहुंचाते रहे। अंतत: 10 मई की रात को रिपोर्ट नेगेटिव आई। डॉक्टरों ने सेवकराम को इशारा कर दिया कि कल घर जाना है, तैयार हो जाओ। सेवकराम की खुशी का ठिकाना नहीं था। सोमवार दोपहर 2 बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।

सेवकराम की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार के छह सदस्यों को भी क्वारेंटाइन किया था। इनमें उनकी मां कमलाबाई सोनवान्या को अरविंदों अस्पताल कोविड सेंटर भेजा जबकि बाकी पांच सदस्यों को बिंजालिया रिसोर्ट भेजा था। सभी डिस्चार्ज हो चुके हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Corona का कहर, मध्य प्रदेश में 6500 कैदियों को किया रिहा