बाराबंकी के सफेदाबाद स्थित शारंग ऑक्सीजन गैस प्लांट में लिक्विड गैस खत्म होने से ऑक्सीजन गैस का उत्पादन बंद हो गया है। प्लांट के बाहर आवश्यक सूचना में लिखा हुआ है कि लिक्विड न मिलने की वजह से ऑक्सीजन गैस प्लांट को बंद कर दिया गया है।
शारंग प्लांट से बाराबंकी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बहराइच, गोंडा, सीतापुर, बलरामपुर और बस्ती सहित आसपास के कई जिलों में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। ऐसे में प्लांट बंद होने का सीधा असर कोविड के मरीजों पर पड़ता नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जिनको ऑक्सीजन गैस के जरिए जीवन देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत के चलते अस्पतालों में गैस की आपूर्ति में दिक्कत आ रही है। जिसके चलते कोविड अस्पताल के कर्मचारी घंटों ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के लिए भटक रहे हैं। ऑक्सीजन गैस की किल्लत से बाराबंकी में हाहाकार मच गया।
लेकिन दूसरी ओर जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि ऑक्सीजन गैस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बाराबंकी के शारंग ऑक्सीजन गैस प्लांट में लिक्विड गैस अब उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते गैस सिलेंडर कोरोना मरीजों को मिल नहीं मिल पा रहे हैं।
वहीं लखनऊ सहित आसपास के जिलों में भी ऑक्सीजन गैस की सप्लाई नहीं हो पा रही है। गैस न मिल पाने की स्थिति मैं कोरोना संक्रमित मरीजों की जान पर बन आई है। बाराबंकी जिले के असेनी मोड पर शारंग ऑक्सीजन प्लांट है, इस प्लांट के जरिए बड़ी तादाद में मरीजों को जीवन मिल रहा है। मरीजों को कृत्रित गैस के सहारे डॉक्टर सांसें देने में लगे हैं।
इस ऑक्सीजन गैस प्लांट को प्रतिदिन लगभग 10 टन लिक्विड की आवश्यकता होती है, लेकिन अब नियमित तौर पर लिक्विड गैस नहीं मिल रही है, बल्कि 3-4 दिनों में लिक्विड मिल पा रहा है, जिसके चलते मांग के अनुरूप ऑक्सीजन गैस का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। जिस कारण प्लांट लिक्विड न मिलने के कारण बंद हो गया है।
शारंग प्लांट के प्रबंध तंत्र के मुताबिक, प्लांट को बंद करने के पीछे लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होना बताया जा रहा है। प्लांट मैनेजर के मुताबिक, प्लांट में दोबारा ऑक्सीजन की मैन्युफैक्चरिंग तब तक शुरू नहीं हो पाएगी, जब तक कि लिक्विड का टैंकर नहीं मिलेगा।
प्लांट का एक टैंकर बनारस में है, जब वह बाराबंकी पहुंचेगा उसके बाद ही रिफलिंग करने के लिए प्लांट दोबारा शुरू होगा। अगर बाराबंकी के शारंग प्लांट को जल्द ही लिक्विड नहीं मिला तो बड़ी संख्या में कोविड मरीजों की जान पर आफत आ सकती है।