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कैसे 1918 में ‘स्पेनिश फ्लू’ में ‘व्हिस्की’ हो गई थी पापुलर दवा! क्या थी वजह?

हमें फॉलो करें कैसे 1918 में ‘स्पेनिश फ्लू’ में ‘व्हिस्की’ हो गई थी पापुलर दवा! क्या थी वजह?
, शुक्रवार, 28 मई 2021 (13:40 IST)
यह वह दौर था जब डॉक्‍टर और मरीज समेत हर कोई व्‍हिस्‍की के इस्‍तेमाल को लेकर चर्चा करता था।
क्या अल्कोहल यानि व्हिस्की या रम से कोई वायरस दूर हो सकता है? ये सवाल कोरोना महामारी की पहली लहर में पिछले साल जमकर वायरल हुआ था। लोग इसे लेकर तरह तरह के मीम्‍स बनाने लगे थे।

हालांकि इसका किसी रिसर्च में कोई समर्थन नहीं हुआ। कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं थे कि अल्कोहल का सेवन कोरोना संक्रमण को खत्म कर सकता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि करीब 100 साल पहले आई एक महामारी के दौरान व्हिस्की बेहद लोकप्र‍िय हो गई थी और इसका इस्तेमाल 'दवा' के तौर पर किया जाता था।

आज कल अल्कोहल से दूर रहने की सलाह दी जा रही है क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करने का काम करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं 1918 में जब स्‍पेनिश फ्लू नाम की सबसे खतरनाक महामारी दुनिया में आई तो खुद मेडिकल विशेषज्ञ व्हिस्की को समर्थन करते थे। स्पेनिश फ्लू सभी महामारियों में सबसे घातक जाना गया है, क्योंकि उसने दुनिया की 3-5 फीसद आबादी का सफाया कर दिया था। अनुमान है कि 1918 और 1920 के बीच 50-100 मिलियन लोगों की मौत हो गई थी।

अमेरिका में स्पेनिश फ्लू के बढ़ने के साथ लोग अपने पुराने इलाज यानी व्हिस्की की तरफ लौट आए। इसका कम मात्रा में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती थी। यह कहा जाता था कि उसमें औषधीय लाभ हैं। डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स नियमित व्हिस्की का इस्तेमाल खुद को इंफ्लुएंजा से बचाने के लिए करते थे। कुछ डॉक्टरों का मानना था कि बीमारी से कमजोर हो चुके श्वसन सिस्टम और दिल को प्रोत्साहित करने में व्हिस्की मदद करती है। चूंकि 1918 में उस वक्त कोई एंटीबायोटिक्स नहीं थी,  एस्पिरिन और स्ट्रिकनिन से लेकर हॉर्लिक, विक्स वेपोरब और व्हिस्की समेत इलाज की विभिन्य श्रेणियों का इस्तेमाल मरीजों के लिए किया जाता था।

4 अप्रैल, 1919 को एक अखबार में प्रकाशित एक लेख में बताया गया था कि व्हिस्की न सिर्फ एक उत्तेजक के रूप में काम करती है बल्कि दर्द दूर करने वाली औषधी भी है। ये बेचैनी से मुक्ति और स्वास्थ्य का एहसास पैदा करती है, जो निश्चित रूप से संक्रमण के प्रतिरोध में मदद करती है।

रिपोर्ट में एक शराब बिक्रेता के हवाले से कहा गया था, "महामारी की शुरुआत से हमने व्हिस्की की तीन गुना मात्रा बेच दी है। लोग उसका इस्तेमाल केक समेत कई अन्य सामग्रियों के साथ करते हैं और कुछ लोग उसे सीधा इस्तेमाल करते हैं। हमारे कुछ ग्राहकों ने बताया है कि डॉक्टरों ने व्हिस्की के इस्तेमाल की सलाह दी है और दूसरों ने बताया कि उनके दोस्तों को इस्तेमाल से अच्छे नतीजे मिले। यहां तक जिन लोगों ने अपनी जिंदगी में कभी व्हिस्की नहीं पी है, अब ये लोग भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

अमेरिकी नौसैना में शिकागो के नजदीक नवल स्टेशन ग्रेट लेक्स पर तैनात नर्स जूसी मेबेल ब्राउन का कहना है "हमारे पास बहुत मरीज होते थे लेकिन उनका इलाज करने का समय नहीं होता था। हम शरीर का तापमान नहीं नापते थे, यहां तक कि हमारे पास ब्लड प्रेशर जांचने का भी समय नहीं होता था। हम उन्हें थोड़ा गर्म व्हिस्की दिया करते थे, यही हमारे पास करने के लिए उस वक्त था। उन्हें उससे भयानक नकसीर होती थी, कुछ बेसुध हो जाते थे। ये भयानक समय था। हमें हर वक्त ऑपरेटिंग मास्क और गाउन पहने रहना पड़ता था"

क्‍या व्‍ह‍िस्‍की दवा हो सकती है?
स्पेनिश फ्लू के दौरान व्हिस्की के पीछे वैज्ञानिक सबूत का समर्थन नहीं था। ये सिर्फ डॉक्टरों के जरिए निर्धारित की जाती थी क्योंकि ये दर्द निवारक के तौर पर काम करती थी और नशीला प्रभाव पैदा कर बीमारी से थोड़ा राहत देती थी। व्हिस्की और मरीज को मिलने वाले औषधीय लाभ के बीच संबंध नहीं है। 1917 में, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने भी कहा था कि खुद अल्कोहल में कोई औषधीय गुण नहीं है। आज के समय में अगर आपको कोविड-19 से जुड़ा लक्षण दिखाई देता है, तो सबसे अच्छा है कि खुद से इलाज न करें क्योंकि ये लक्षण को खराब कर सकता है और ज्यादा परेशानी को निमंत्रण दे सकता है।

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