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Corona से जंग में मददगार बने विद्यार्थी, 3 से बनी 250 की चेन

हमें फॉलो करें Corona से जंग में मददगार बने विद्यार्थी, 3 से बनी 250 की चेन

हिमा अग्रवाल

, गुरुवार, 27 मई 2021 (21:13 IST)
मेरठ। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी का प्रकोप पूरे देश में चल रहा है, इस महामारी के कारण बहुत से लोगों ने अपने निकटतम और प्रियजनों को खो दिया है, कहीं-कहीं पूरा परिवार काल का ग्रास बन गया। किसी की मौत समय पर ऑक्सीजन ना मिलने से तो किसी की अस्पताल में बेड और इलाज ना मिलने से तो किसी की मौत समय पर इंजेक्शन ना मिल पाने के कारण हुई है। लेकिन इस कोविड काल में 3 दोस्तों ने ऐसा काम नि:शुल्क रूप से कर दिखाया है जो सरकार के मुलाजिमों को एक तरफ आइना दिखाता है, वहीं दूसरी तरफ उन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के गाल पर तमाचा है जो वोट की राजनीति करते हैं, लेकिन जरूरत के समय पर जनता से नजरें छुपाकर पीछे हट जाते हैं।

कोविड की समस्या से जूझते लोगों की मदद के लिए मेरठ के छात्रों ने पैन इंडिया व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। ये काम 12वीं के तीन छात्रों ने शुरू किया, जिसमें से दो छात्र अवनी और ऋष्य मेरठ के और अंश सहारनपुर जिले से है। इन तीनों ने अपने इस ग्रुप में अन्य साथियों को जोड़ते हुए चेन तैयार की। अब इस चेन में 250 छात्र मोती की माला की तरह गूंथ गए हैं और पूरे देश के लोगों को मदद पहुंचाने में जुटे हुए हैं।

कोविड में परेशान लोगों की मदद के लिए इन छात्रों ने दो ग्रुप बनाए हैं। जिसमें एक ग्रुप हेल्प डेस्क (सहायता केंद्र) के रूप में काम कर रहा है, तो दूसरा ग्रुप वॉलंटियर ग्रुप है, जो लोगों की मदद कर रहा है। इस व्हाट्सएप ग्रुप में एक मदद मांगने वालों का था और दूसरा मदद करने वालों का है।

इन तीन छात्रों की मेहनत से बनाई गई चेन अब देश के 25 जिलों तक फैल गई है। अधिकांश जिलों से 10-10 वॉलंटियर जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस हेल्थ ग्रुप में मदद मांगने वालों की निरंतर कॉल आ रही है और उनसे जो मदद संभव हो रही है कर रहे हैं।

इन तीन छात्रों के हौसले को देशभर से उड़ान मिलने के बाद 250 लोग इस ग्रुप से जुड़ गए। सभी इंटर कॉलेज के छात्र हैं और अधिकांश 12वीं के छात्र हैं। ये सभी अपनी पढ़ाई के साथ लोगों की सेवा और मदद भी कर रहे हैं। ये छात्र प्रतिदिन 2 घंटे कोविड से परेशान लोगों की मदद कर रहे हैं।
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ये सभी इंटरनेट के माध्यम से सभी जरूरी सूचनाएं एकत्रित करके उसको ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सअप पर अपलोड करते हैं कि कहां ऑक्सीजन और बेड उपलब्ध हैं, कहां से प्लाज्मा और ब्लड मिल सकेगा, ये जानकारी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

छात्रों के इस आर्गेनाइजेशन को न तो कोई सरकारी मदद है और ना किसी की आर्थिक मदद। बस इन 16 से 18 वर्ष के युवाओं का जज्बा इन्हें समाज सेवा की तरफ ले गया। ये बताते हैं कि जब भी कभी ये लोग आपस में बात करते थे, तो दुखी होते हुए बताते कि आज फलां रिश्तेदार की या पड़ोस में कोरोना से मौत हो गई या हालत नाजुक है।
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जिसके चलते उन्होंने डवलपमेंट स्किल्स के साथ लोगों की मदद का बीड़ा उठाया। सरकारी या गैर सरकारी सहायता की चिंता किए बगैर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि जिस जिले में मदद चाहिए थी, वहां के संबंधित अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई और मदद भी मिली।
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अब तक इस आर्गेनाइजेशन ने करीब एक हजार जरूरतमंद लोगों की मदद की है। मदद के समय यह सतर्क भी रहते हैं कि दलाल फायदा ना उठा लें, इंजेक्शन और दवाइयों की मदद सरकारी नॉर्म्स का ध्यान रखते हुए करते हैं। खासतौर पर इंजेक्शन पर हो रही कालाबाजारी को भी ध्यान में रखते हुए वेरिफिकेशन के साथ लोगों को उचित जानकारी दी गई है।
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मेरठ के नेहरू नगर की रहने वाली 12वीं की छात्रा अवनी सिंह बताती हैं कि उनके साथ 2 अन्य साथी हैं, जो स्टूडियो मैट्रिक नाम से ऑर्गनाइजेशन चलाते हैं जो लोगों की स्किल्स डेवलपमेंट के लिए काम करती है लेकिन कोरोना के चलते कहीं आ-जा नहीं सकते थे तो टेक्नोलॉजी का फायदा उठाकर लोगों की मदद करने की सोची और वहीं से पैन इंडिया वॉलंटियर्स जुड़ते चले गए।

इस आर्गेनाइजेशन के जरिए अब तक लगभग 1000 लोगों की मदद हो चुकी है और 500 लोगों की जान बच चुकी है। ऋष्य गर्ग कहते हैं कि मदद करते हुए सारे सरकारी नॉर्म्स का ध्यान रखा गया है और खासतौर पर इंजेक्शन पर हो रही कालाबाजारी को भी ध्यान में रखते हुए वेरिफिकेशन के साथ लोगों को उचित जानकारी दी गई है। इस संगठन में अब मदद पाने वाले लोग भी जुड़ रहे हैं, उम्मीद है ये चेन अब और लंबी हो जाएगी।

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