ऑटो मोबाइल्स में अग्रणी कंपनी टाटा ग्रुप द्वारा भारत में मॉर्डना कंपनी के कोविड-19 वैक्सीन लाने की खबर है। कहा जा रहा है टाटा इसके लिए बातचीत कर रहा है। यह बातचीत कारगर हुई तो भारत में लोगों को कोविड टीके के लिए एक तीसरा विकल्प मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है।
अभी भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार और भारत बायोटेक के द्वारा तैयार वैक्सीन को मान्यता दी है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबा के मुताबिक टाटा समूह की हेल्थकेयर कंपनी टाटा मेडिकल ऐंड डायग्नोस्टिक्स भारत में कोविड-टीके को लॉन्च करने के लिए अमेरिकी कंपनी मॉर्डना से बातचीत में लगी है।
हालांकि अभी कंपनी ने इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। पहले चरण में 16 जनवरी को हेल्थवर्कर्स और अन्य फ्रंट वर्कर्स को टीका दिया गया।
सरकारी मानकों के अनुसार, किसी विदेशी टीका कंपनी को भारत में मंजूरी हासिल करने के लिए भारतीय वालंटियर के साथ फेज-3 का ट्रायल करना होगा। ऐसे में टाटा अगर भारत में टीका उतारना चाहती है तो उसे केंद्र सरकार की संस्था वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के साथ मिलकर भारत में मॉडर्ना के टीके का ट्रायल करना पड़ेगा।
mRNA पर आधारित मॉर्डना के टीके की प्रभावशीलता दर 94.1 फीसदी बताई गई है। इस वैक्सीन को अमेरिका के अलावा कनाडा और ब्रिटेन में भी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है।
यह टीका माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखने पर करीब 6 महीने तक उपयोगी रहता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉडर्ना के टीके से एलर्जिक रिएक्शन भी बहुत कम हुए हैं। सीरम ने कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर विकसित किया है।