नैनीताल। कोरोना काल ने समाज में रीति-रिवाज भी बदलकर रख दिए हैं, कहीं दुल्हन लड़के पक्ष के घर पर पहुंच शादी की रस्म संपन्न कराने को विवश है तो कहीं दूल्हा दुल्हन से शादी कर उसे अपने साथ शादी के बाद विदा कराने से भी वंचित हो रहा है।
चंपावत जिले के गांवों में दूल्हे के गांव आकर दुल्हन को शादी की रस्म निभाते देख लोग आश्चर्य कर रहे थे। अब सजधजकर बारात में पहुंचने की बजाय पीपीई किट पहनकर बारात दुल्हन के घर पहुंचने की भी घटना ने बदल रही परंपरा को फिर सामने ला दिया है।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कोटाबाग क्षेत्र के एक गांव नाथुनगर में पीपीई किट पहनकर बाराती वधु पक्ष के घर पहुंचे। पंडित से लेकर सभी लोग पीपीई किट में थे। शादी संपन्न कराई गई। बारात बगैर दुल्हन के ही इस कारण वापस लौट गई, क्योंकि दुल्हन शादी की तैयारियों के ठीक बीच कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। अब यह तय हुआ कि दुल्हन की विदाई की रस्म कुछ दिन बाद होगी।
पहले शादी की तारीख टालने पर भी विचार किया गया, लेकिन दोनों पक्षों की कोई न कोई समस्या इस पर आड़े आ रही थी। फिर तय किया गया कि शादी होगी, लेकिन कोविड गाइड लाइन को शत-प्रतिशत ध्यान में रखकर। दूल्हे समेत पूरी बारात पीपीई किट पहनकर शादी कराने पहुंची। विधि-विधान से सारी रस्में पूरी की गईं।
गांव में एक चाचा ने अपनी भतीजी की शादी के लिए पूरी तैयारियां कर रखी थीं। रिश्तेदारों और आसपास के परिचितों को निमंत्रण भी बांटे जा चुके थे, मगर शादी से पहले एहतियातन आजकल चल रहे संक्रमण के माहौल को देख दुल्हन समेत पूरे परिवार की कोरोना जांच करवाई गई।
रिपोर्ट में दुल्हन और उसकी छोटी बहन कोरोना पॉजिटिव आ गई। इसकी सूचना दूल्हे पक्ष को दी गई।दूल्हे के परिजनों ने भी समस्या को समझा, इसके बाद वहां से आए कुल पांच बारातियों को पीपीई किट पहनाई गई। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम की मौजूदगी में शादी की सभी रस्में पूरी कराई गईं।
यह कोई पहला मामला नहीं है, इस तरह के कई मामले उत्तराखंड के गांवों में आजकल सामने आ रहे हैं, जिनसे समाज में तय परंपराओं में तब्दीली देखी जा रही है।