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कोरोना पर सवालों के घेरे में चीन, BF.7 वैरिएंट को लेकर पैनिक का माहौल नहीं बनाएं

चीन में कोरोना के आंकड़ों को लेकर संशय. WHO के पास भी आंकड़े नहीं

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विकास सिंह

, बुधवार, 28 दिसंबर 2022 (14:51 IST)
चीन में कोरोना के ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BF.7 के कारण करोड़ों लोगों के एक साथ कोरोना संक्रमित होने के बाद भारत में भी कोरोना की नई लहर को लेकर कई तरह की आंशका जताई जा रही है। भारत में विदेश से लौटने वाले कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने से भारत में भी वायरस के फैलने का खतरा पैदा हो गया है। चीन के साथ दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के मामले तेजी से ब़ढ़ने के बाद भारत में भी कोरोना की नई लहर की आंशका जताई जा रही है।

भारत में वर्तमान में कोरोना को लेकर क्या हालात है और आने वाले समय में क्या भारत में  कोरोना को लेकर कोई लहर आ सकती है इसको लेकर 'वेबदुनिया' ने भोपाल एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह बातचीत की।

क्या चीन में कोरोना सवालों के घेरे में?- चीन में कोरोना के कहर बाद भारत में कोरोना की किसी संभावित लहर के सवाल पर  भोपाल एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह देश में कोरोना की किसी नई लहर से साफ इंकार करते हुए कहते हैं कि लोग किसी के बहकावे में न आए। चीन में कोरोना की नई लहर को लेकर जो भी खबरें मीडिया और सोशल मीडिया में सामने आ रही है उसको लेकर घबराना नहीं चाहिए। वह कहते है कि गौर करने वाली बात यह हैं कि चीन में महामारी को जो रूप दिखा जा रहा है उसका अब तक डब्ल्यूएचओ के पास कोई अपडेट नहीं है और न ही कोई आधिकारिक आंकड़े सामने आ रहे है। इसलिए चीन के हालात को लेकर आ रहे वीडियो और मीडिया रिपोर्ट को लेकर लोगों को घबराना नहीं चाहिए और न ही किसी के बहकावे में आना चाहिए।

BF.7 वैरिएंट कितना घातक?- चीन में कहर मचाने वाला कोरोना का BF.7 वैरिएंट भारत में  कितना प्रभावी होगा इस सवाल पर डॉ. सरमन सिंह कहते हैं कि कोरोना कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि इसके 39 प्रकार के सब-वायरस हैं। कोरोना एक आरएनए वायरस में जो तेजी से म्यूटेट होता है और उसमें लगातार म्यूटेशन होने से उसके सब वैरिएंट सामने आते जा रहे है। वह कहते हैं कि कोरोना नहीं खत्म हुआ और ना ही मरा है वह बार-बार रूप बदलकर आता रहेगा इसलिए सजग रहें।

डॉ. सरमन सिंह महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट से भारत में केसों की संख्या भी बहुत नहीं बढ़ेगी और जो भी नए केस आएंगे वह माइल्ड सिम्टम्स वाले होंगे। BF.7 वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में गंभीर लक्षण नहीं आएंगे। ऐसे में भारत में अभी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ICU बेड की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

बूस्टर डोज कितना जरूरी?-वहीं कोरोना से मुकाबला करने के लिए वैक्सीन की अहमियत बताते हुए डॉ. सरमन सिंह कहते हैं कि लोगों को बूस्टर डोज लेना चाहिए। आज भारत में कोरोना वायरस से मुकाबले की जो हर्ड इम्युनिटी है वह वैक्सीन और नेचुरल दोनों इम्युनिटी से है। ऐसे में ऐसे लोग जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लिए है उनको बूस्टर डोज लेना चाहिए। कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन एक प्रतिरोधी क्षमता विकसित करती है।  

कोरोना को लेकर पैनिक माहौल नहीं बनाएं-देश में कोरोना से मुकाबला करने के लिए मंगलवार को देश में हुई मॉकड्रिल पर सरमन सिंह कहते है कि आज जरूरत इस बात की है हमको कोरोना को लेकर पैनिक का माहौल नहीं बनाना चाहिए। कोरोना की पहले की लहरों के मुकाबले आज भारत की तैयारी काफी अच्छी है। वर्ष 2020 में जब भारत पर कोरोना संकट आया तो उससे लड़ने के लिए भारत तैयार नहीं था। कोरोना वायरस ने दुनिया की बड़ी-बड़ी शक्तियों को घुटने पर ला दिया था। भारत ने इस परिस्थिति से सबक सिखा और बेहतर दवाएं, वैक्सीन बनाई।

आज भारत स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुत कुछ आत्मनिर्भर हो चुका है। आज भारत हर चुनौती से निपटने को तैयार है। एक समय था जब आरटी-पीसीआर की जांच सिर्फ पुणे में होती थी लेकिन आज 25 हजार से अधिक लैब देश में संचालित हो रही हैं। पहली की लहर में जहां भारत को N-95 मास्क और टेस्टिंग किट से कमी से जूझना पड़ा था वहीं आज देशों में दोनों ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।  

वहीं सरमन सिंह लोगों से कोरोना के प्रति सजग और सतर्क रहने की बात करते हुए कहते हैं कि हमको कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ मास्क का उपयोग करना चाहिए। लोग किसी के बहकावे में नहीं आए और न ही किसी प्रकार का पैनिक महौल बनाएं।

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