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मास्‍क ‘रक्षा कवच’ है, लेक‍िन गलत इस्‍तेमाल हो सकता है ‘खतरनाक’

हमें फॉलो करें मास्‍क ‘रक्षा कवच’ है, लेक‍िन गलत इस्‍तेमाल हो सकता है ‘खतरनाक’
कोरोना महामारी के बीच मास्‍क एक रक्षा कवच है, लेक‍िन इसका गलत इस्‍तेमाल आपको कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य तकलीफों में डाल सकता है। यह जान के ल‍िए भी खतरा हो सकता है, ऐसे में इसके इस्‍तेमाल को लेकर बेहद सावधानी की जरुरत है।

कोरोना के समय में मास्‍क लोगों के ल‍िए रक्षा कवच के तौर पर काम कर रहा है। यह एक छोटी सी चीज है, लेक‍िन इससे आपकी जान बच सकती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है क‍ि इसका उपयोग कब, कैसे और क्‍यों क‍िया जाए। ऐसा नहीं है क‍ि सिर्फ मास्‍क लगाना ही पर्याप्‍त है, इसका गलत उपयोग आपके ल‍िए नुकसानदायक भी हो सकता है। दरअसल, मास्‍क को लेकर ऐसी बहुत सी बातें हैं जो आमतौर पर हम नहीं जानते हैं, लेक‍िन अगर उनका ध्‍यान नहीं रखा जाता है तो ये हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए खतरनाक भी सा‍ब‍ित हो सकता है।

आइए जानते हैं कैसे और कब करें मास्‍क का इस्‍तेमाल
यह आपको जानना चाह‍िए क‍ि ब्रिटेन, अमरीका और सिंगापुर में लोगों को सलाह दी गई है कि अगर वो बीमार नहीं है तो मास्क ना ही पहनें।

मास्‍क पहनना अच्‍छी बात है, लेक‍िन बेवजह और गलत तरीके से क‍िए गए इस्‍तेमाल की वजह से यह कार्बनडाइआक्‍साइड टॉक्‍सीस‍िटी कर सकता है। इससे आंखों की व‍ि‍ज‍िब्‍ल‍िटी कम हो सकती है। सुनने में भी द‍िक्‍कत आ सकती है। कन्फ्यूजन, स‍िरदर्द कर सकता है। इतना ही नहीं, इसका ज्‍यादा इस्‍तेमाल हार्ट रेट और ब्‍लड प्रेशर भी बढा सकता है।

तो कब पहने मास्क?
अगर आप स्वस्थ हैं और क‍िसी कोरोना संक्रम‍ित व्‍यक्‍त‍ि की देखभाल कर रहे हैं तो उस स्थिति में आपको मास्क पहनने की ज़रूरत है।

अगर आपको सर्दी है या फिर खांसी आ रही है, गले में खराश है और थकान है तो मास्क पहनें और घर पर ही रहें।
कुछ लोगों को लगता है कि मास्क पहन लिया तो सुरक्षित हो गए, लेकिन ऐसा नहीं है। मास्क पहनना तभी सही और कारगर होगा जब आपके हाथ भी साफ़ हों।

हाथ साफ़ करने के लिए एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सोप या सेनेटाइज़र का इस्तेमाल करें।

सबसे ज़रूरी है कि आपको मास्‍क पहनने और इस्तेमाल करने का तरीक़ा पता हो।

कैसे इस्तेमाल करें मास्क?
मास्क ऐसे पहने की मुंह और नाक पूरी तरह ढकें और कोशिश करें कि आपके मास्क और मुंह के बीच कोई गैप ना रहे।

मास्क पहनते समय मास्क को ना छुएं। पहनने और उतारने के ल‍िए मास्क की बेल्ट से ही उसे छुए।

मास्क को जितनी जल्दी-जल्दी हो सके बदलते रहें।

एक बार यूज़ क‍िया गया मास्क दूसरी बार इस्‍तेमाल न ही करें तो बेहतर होगा।

मास्क उतारने के ल‍िए उसे पीछे की ओर से उतारें। सामने की तरफ से उसे हाथ ना लगाएं।

यूज क‍िए मास्‍क को तुंरत नष्‍ट कर दें।

मास्क कम समय के ल‍िए पहना जाना चाह‍िए। लंबे समय तक नहीं।

ज्‍यादा वक्‍त तक मास्‍क पहनने के दुष्‍परिणाम
ज्‍यादा समय तक मास्‍क पहनने से उसके दुष्‍पर‍िणाम भी आपको उठाना पड सकते हैं। डॉक्‍टरों के मुताब‍िक यह खतरनाक हो सकता है।

इससे आंखों की व‍ि‍ज‍िब्‍ल‍िटी कम हो सकती है।

सुनने में भी द‍िक्‍कत आ सकती है।

कन्फ्यूजन और स‍िरदर्द कर सकता है।

इसका ज्‍यादा इस्‍तेमाल हार्ट रेट और ब्‍लड प्रेशर भी बढा सकता है।

इससे खून में ऑक्सीजन कम हो सकती है।

मस्तिष्क को ऑक्सीजन कम करता है।

कमजोरी हो सकती है।

जब अकेले हों तो मास्‍क का इस्‍तेमाल न करें।

कार में चलते समय मास्‍क न पहने।

घर में कोई बीमार न हो तो इस्तेमाल न करें।

सि‍र्फ भीड़ वाली जगह पर मास्‍क का इस्‍तेमाल करें।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर?

नुकसानदायक है ज्‍यादा मास्‍क लगाना
‘मास्‍क स‍िर्फ बाहर जाते समय या संक्रम‍ित व्‍यक्त‍ि के संपर्क में आने के दौरान ही इस्‍तेमाल क‍िया जाना चाह‍िए। दि‍नभर मास्‍क लगाने से हमारे खुद के ही कीटाणु हमारे भीतर चले जाते हैं। यह नुकसानदायक है। मास्‍क की जरुरत नहीं होने पर हमें खुले में सांस लेना चाह‍िए’...
डॉ अरव‍िंद क‍िंगर, नाक कान गला व‍िशेषज्ञ  

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