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उत्तराखंड में महिलाओं से ज्यादा पुरुष कोरोना संक्रमण के शिकार

हमें फॉलो करें उत्तराखंड में महिलाओं से ज्यादा पुरुष कोरोना संक्रमण के शिकार

निष्ठा पांडे

, गुरुवार, 20 मई 2021 (12:33 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में महिलाओं से ज्यादा पुरुष कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के अनुसार 1 अप्रैल 2021 के बाद उत्तराखंड में 62 प्रतिशत पुरुष संक्रमण का शिकार हुए हैं,  जबकि महिलाओं का परसेंटेज 38 प्रतिशत हैं। इसके अलावा सबसे अधिक तीन श्रेणी में युवा आयु वर्ग के लोगों में कोरोना संक्रमण देखने को मिल रहा है।
 
उन्होंने बताया कि सेकंड वेव में संक्रमितों में 20 से लेकर 29 साल की आयु वर्ग के लोगों में 21.9 प्रतिशत, 30 से लेकर 39 साल की आयु वर्ग के लोगों में 24.2 प्रतिशत, 40 से लेकर उम्र 49 आयु वर्ग के लोगों में 18.5 प्रतिशत हैं।
 
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 के बाद 40 वर्ष से 79 आयुवर्ग के लोगों में मौत का औसत सबसे ज्यादा है।कोरोना डेथ में 40 से 49 वर्ष तक की आयु वर्ग के लोगों की मृत्यु 17 प्रतिशत, 50 से 59 वर्ष तक की आयु के लोगों की मृत्यु 23 प्रतिशत, 60 से 69 वर्ष तक की आयु के लोगों की मृत्यु 24 प्रतिशत, जबकि 70 से 79 वर्ष तक की आयु के लोगों की मृत्यु 16.42 प्रतिशत लोगों मृत्यु हुई है।
 
प्रदेश में ऑक्सीजन को लेकर भी अब सरकार ने कार्ययोजना बनाई है ऑक्सीजन सप्लाई के नोडल अफसर सचिव परिवहन रंजीत सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में ऑक्सीजन आपूर्ति पर सबसे पहले हमने मैपिंग की कि कहाँ कहाँ उत्पादन हो रहा है और किस किस जिले को ऑक्सीजन कहां से दी जाएगी।
 
उन्होंने बताया कि 3 बड़े प्लांट के जरिए 96 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति भारत सरकार की तरफ से आवंटन है। इसके अलावा 6 छोटी यूनिटो से लगभग 70 मैट्रिक टन उत्पादन है। इनसे 7700 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जा सकते हैं।
 
प्रदेश के सभी 13 जिलों को अलग-अलग स्थानों पर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिलिंग प्वाइंट आवंटित कर दिए गए हैं। इसके जरिये रोजाना 167 मेट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति राज्य में हो रही है। इसके अलावा भारत सरकार से दूसरे राज्यों से 60 मैट्रिक टन आवंटित किया है। अभी तक बाहर से तीन बार में 260 मैट्रिक टन प्राप्त हुआ है।
 
सचिव रणजीत सिन्हा ने बताया कि गढ़वाल मंडल में 50 मेट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन को रिजर्व में रखा गया है जबकि कुमाऊं मंडल में 40 मेट्रिक टन ऑक्सीजन को रिजर्व कोटे में रखा गया है। ताकि पीक के समय संकट न हो। इसके अलावा 11 अस्पतालों के अंदर छोटे ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं।
 
इसके अलावा 11 नए स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट का काम चल रहा है, जबकि 11 की स्वीकृति मिल चुकी है। 15 नए स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसके अलावा बड़े अस्पतालों में स्टोरेज बढ़ाने के लिए नए ऑक्सीजन टैंक की योजना भी बनाई जा रही है।
 
सिन्हा ने बताया कि पहाड़ी जिलों में 72 घंटे की ऑक्सीजन को रिज़र्व कोटे में रखा गया है, जबकि मैदानी जिलों में 24 घंटे के ऑक्सीजन को रिजर्व कोटे में रखा गया है ।
 
डीआईजी SDRF रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए एसडीआरएफ ने 20 गांव को गोद लिया है। एसडीआरएफ की ओर से गांव में बने क्वारेंटीन सेंटर्स में योगाभ्यास करवाया जा रहा है। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को जरूरी दवा और सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा एसडीआरएफ की ओर से जन जागरूकता के लिए विशेष प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
 

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