नई दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की तैयारियों ने बुधवार को जोर पकड़ लिया। विमानों के जरिए देश भर में विभिन्न हवाई अड्डों पर टीके की खेप पहुंचाई गई, जहां से ये छोटे शहरों को भेजी गईं। देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है।
जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक और असम से गोवा तक सहित देश के कोने-कोने तक कोविड-19 के टीके की खुराक सावधानीपूर्वक और तेज गति से पहुंचाई गई। एक दिन पहले ही मंगलवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड टीके की पहली खेप पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) विनिर्माण केंद्र से रवाना की गई थी।
एसआईआई ने कोविशील्ड की करीब 56 लाख खुराक भेजी है, वहीं हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कहा कि उसने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान के सहयोग से स्वेदश विकसित टीके कोवैक्सीन को 11 शहरों में भेजा है। उसने केंद्र को 16.5 लाख खुराक दान में देने की बात कही है।
भारत बायोटेक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सरकार से 55 लाख खुराक के लिए खरीद का आर्डर प्राप्त होने के बाद, कंपनी ने टीके की प्रथम खेप (प्रत्येक शीशी में 20 डोज है) रवाना की। भारत बायोटक ने कहा कि टीके की खेप गणवरम (आंध्रप्रदेश), गुवाहाटी, पटना, दिल्ली, कुरूक्षेत्र, बेंगलुरु, पुणे, भुवनेश्वर, जयपुर, चेन्नई और लखनऊ भेजी गई।
शनिवार से शुरू होने जा रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान के मद्देनजर टीके की शीशी के गंतव्य स्थानों तक पहुंचना शुरू होने के साथ, राज्यों ने अपनी योजनाओं को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया है।वे साजो-सामान के विवरण को भी अंतिम रूप देने में जुट गए हैं।
आवंटन में कोई भेदभाव नहीं : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वैक्सीन के आवंटन में भेदभावपूर्ण नीति अपनाए जाने के संबंध में आई खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि प्रत्येक राज्य को वहां के स्वास्थ्यकर्मियों के डाटाबेस के आधार पर वैक्सीन का आवंटन किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य को स्वास्थ्यकर्मियों के डाटाबेस के अनुपात में कोरोना वैक्सीन की डोज आवंटित की गई है, इसीलिए राज्यों के बीच भेदभाव की बात पूरी तरह गलत है। मंत्रालय ने बताया कि अभी वैक्सीन की शुरुआती खेप है और आने वाले सप्ताहों में इसकी लगातार आपूर्ति होती रहेगी। इसी वजह से आपूर्ति में कमी आने की बात पूरी तरह आधारहीन और तथ्यहीन है।
केंद्रीय मंत्रालय ने साथ ही सभी राज्यों को कहा है कि वे 10 प्रतिशत रिजर्व या वेस्टेज डोज के आधार पर और प्रति दिन प्रति सत्र 100 टीके के आधार पर टीकाकरण सत्र का आयोजन करने की सलाह दी गई है। राज्य इसी कारण प्रति दिन प्रति साइट अधिकाधिक संख्या में टीका न दें। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही कहा गया है कि वे टीकाकरण सत्रों की संख्या बढ़ाएं, जिन्हें धीरे-धीरे संचालित करना शुरू किया जाएगा।