जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत में मिले डेल्टा वैरिएंट पर कोरोनावायरस वैक्सीन कम असरदार हैं। हालांकि WHO ने साफ कहा कि वैक्सीन से मौत का खतरा कम हो जाता है। यह गंभीर बीमारी से बचाती है।
कोविड-19 पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि लैंसेट जर्नल में प्रकाशित नए अध्ययन में कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन का असर कम हो रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इसका कारण कई म्यूटेशन में हो रहे बदलावों को माना जा रहा है। यही कारण है वैक्सीन का असर कम हो सकता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में पाए गए डेल्टा वैरिएंट में हुए म्यूटेशन की वजह से बना है। ये स्वरूप लोगों के बीच बहुत ही आसानी से फैलते हैं।
दुनिया कस 29 देशों में कोरोना के डेल्टा स्वरूप का असर दिखाई दे रहा है। फिलहाल महाराष्ट्र और केरल में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के कई मामले सामने आ गए हैं। महाराष्ट्र में डेल्टा वैरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं। वहीं केरल में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के कम से कम 3 मामले सामने आए।
इस बीच रूस ने दावा किया कि वैक्सीन डेल्टा वेरियंट पर ज्यादा असरदार है। इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन कोरोना वायरस के B.1.617.2 वेरिएंट के खिलाफ कुछ ही एंटीबॉडी तैयार कर पा रही हैं।