नई दिल्ली। भारत ही नहीं दुनिया के 17 देशों में कोरोना वायरस के भारतीय वेरिएंट का कहर दिखाई दे रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। डब्ल्यूएचओ माना कि दूसरी लहर का प्रसार भारत में पहली लहर के प्रसार की तुलना में बहुत तेज है।
WHO के मुताबिक, बीते हफ्ते में दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के 57 लाख मामले सामने आए। इस बीच कोरोना वायरस का 'भारतीय प्रकार' जिसे बी.1.617 के नाम से जाना जाता है, वह कम से कम 17 देशों में पाया गया है।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि सार्स-सीओवी-2 के बी.1.617 प्रकार या 'भारतीय प्रकार' को भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का कारण माना जा रहा है। इसे WHO ने रुचि के प्रकार (वैरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट-वीओआई) के तौर पर निर्दिष्ट किया है।
एजेंसी ने कहा कि 27 अप्रैल तक, GISAID में करीब 1,200 अनुक्रमों (सीक्वेंस) को अपलोड किया गया और वंशावली बी.1.617 को कम से कम 17 देशों में मिलने वाला बताया। GISAID 2008 में स्थापित वैश्विक विज्ञान पहल और प्राथमिक स्रोत है जो इंफ्लुएंजा विषाणुओं और कोविड-19 वैश्विक माहामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के जीनोम डेटा तक खुली पहुंच उपलब्ध कराता है।
एजेंसी ने कहा कि पैंगो वंशावली बी.1.617 के भीतर सार्स-सीओवी-2 के उभरते प्रकारों की हाल में भारत से एक वीओआई के तौर पर जानकारी मिली थी और डब्ल्यूएचओ ने इसे हाल ही में वीओआई के तौर पर निर्दिष्ट किया है।