वाशिंगटन। कोरोना से जंग में भारत सरकार ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन का ऐलान किया है। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में पिछले करीब एक महीने से जारी देशव्यापी लॉकडाउन से देश के लगभग चार करोड़ प्रवासी कामगार प्रभावित हुए हैं।
विश्व बैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा, ‘भारत में लॉकडाउन से देश के लगभग चार करोड़ आंतरिक प्रवासियों की आजीविका पर असर पड़ा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान 50-60 हजार लोग शहरी केंद्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर चले गए हैं।‘
‘प्रवासी के नजरिये से कोरोना वायरस संकट’ (कोविड-19 क्राइसिस थ्रू ए माइग्रेशन लेंस) नामक रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक प्रवास की तादाद अंतरराष्ट्रीय प्रवास के मुकाबले करीब ढाई गुना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के चलते नौकरी छूट जाने और सामाजिक दूरी के कारण भारत और लातिन अमेरिका के कई देशों में बड़े पैमाने पर आंतरिक प्रवासियों को वापस लौटना पड़ा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह कोविड-19 की रोकथाम के उपायों ने इस महामारी को फैलाने में योगदान दिया है। सरकारों को नकदी हस्तांतरण तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए इन प्रवासियों की मदद करनी चाहिए।
विश्व बैंक ने कहा कि कोरोना वायरस संकट ने दक्षिण एशिया में अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक, दोनों प्रवास को प्रभावित किया है। (भाषा)