लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार ने बुधवार को दावा किया कि राज्य से अप्रवासी मजदूरों ने पलायन नहीं किया और दूसरे राज्यों से सबसे अधिक 10 लाख प्रवासी श्रमिक उत्तरप्रदेश पहुंचे।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना आपदा में उत्तरप्रदेश श्रमिकों और कामगारों के लिए सबसे महफूज ठिकाना बना और यह अकेला प्रदेश है, जहां से अप्रवासी मजदूरों ने पलायन नहीं किया और इसी प्रदेश में अन्य प्रदेशों से सबसे ज्यादा 10 लाख प्रवासी श्रमिक एवं कामगार पहुंचे। प्रवक्ता ने कहा कि सबसे बड़ी आबादी के बावजूद योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार सबके लिए भोजन, रोजगार, भरण-पोषण और सुरक्षा का इंतजाम कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश की बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों से योगी सरकार ने हर कर्मचारी को भुगतान कराया।
प्रवक्ता ने कहा कि इकाइयों ने 1592.37 करोड़ रुपए वेतन और मानदेय का बड़ा भुगतान किया। बंद पड़ी इकाइयों से सरकार लगातार कर्मचारियों व श्रमिकों का पूरा भुगतान कराती रही।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों, कामगारों के रोजगार, मानदेय और भरण-पोषण भत्ते समेत तमाम सुविधाएं दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम-11 की बैठक की, जो इसी उद्देश्य से बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से लॉकडाउन-1 के दौरान प्रदेश में सभी 119 चीनी मिलें चलती रहीं। 12,000 ईंट भट्टे और 2,500 कोल्ड स्टोरेज भी लगातार चलते रहे।
प्रवक्ता ने बताया कि लॉकडाउन-2 में योगी सरकार ने बड़ी औद्योगिक इकाइयां चलवाईं, जिनमें 2.12 लाख लोगों को रोजगार हासिल हुआ। लॉकडाउन-2 में ही एमएसएमई क्षेत्र से 16.40 लाख लोगों को रोजगार मिला।
उन्होंने बताया कि मनरेगा में 23.6 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है। योगी सरकार अब तक 31.70 लाख निराश्रित एवं निर्माण श्रमिकों को 1-1 हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता और मुफ्त खाद्यान्न मुहैया करा चुकी है। (भाषा)