कोलंबो। लसिथ मलिंगा विश्व कप के सबसे उम्रदराज खिलाड़ियों में शामिल हैं लेकिन श्रीलंका के इस तेज गेंदबाज पर इसका कोई असर नहीं दिखता है और वे अपने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए तैयार हैं।
मलिंगा को लगातार 8 मैच गंवाने के कारण अप्रैल में श्रीलंका की एकदिवसीय टीम की कप्तानी छोड़नी पड़ी थी। पूर्व तेज गेंदबाज असंथा डिमेल की अगुवाई वाली चयन समिति का मानना था कि मलिंगा टीम को एकजुट करने में नाकाम रहे। उन पर अन्य सीनियर खिलाड़ियों के साथ अच्छे संबंध नहीं रखने के भी आरोप लगे।
मलिंगा इससे काफी निराश थे और रिपोर्टों के अनुसार वे संन्यास लेने पर विचार कर रहे थे लेकिन विश्व कप टीम में चयन होने के बाद उन्होंने अपना फैसला टाल दिया। इस 35 वर्षीय तेज गेंदबाज ने इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस की तरफ से 16 विकेट लेकर साबित किया कि उनमें अब भी पुराना दमखम है।
उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ फाइनल में अंतिम ओवर में अपनी गेंदबाजी का कमाल दिखाया जिससे मुंबई चौथी बार आईपीएल खिताब जीतने में सफल रहा। श्रीलंका के लिए उनका फॉर्म में लौटना 30 मई से ब्रिटेन में शुरू होने वाले विश्व कप से पहले अच्छा संकेत है।
श्रीलंकाई टीम में कई अनुभवहीन गेंदबाज हैं और ऐसे में 322 वनडे विकेट लेने वाले मलिंगा टीम के आक्रमण के अगुआ होंगे। नए कप्तान दिमुथ करुणारत्ने का पहला मुख्य लक्ष्य मलिंगा को पिछली बातों को भुलाकर फिर से टीम से जोड़ना होगा ताकि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
मलिंगा ने विश्व कप में कुछ यादगार प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने विश्व कप 2007 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 4 गेंदों पर 4 विकेट लेकर सनसनी फैला दी थी। इसके बाद 2011 में कीनिया के खिलाफ उन्होंने फिर से हैट्रिक ली। भारत के खिलाफ फाइनल में उनका पहला स्पैल खतरनाक रहा, जब उन्होंने सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को जल्दी आउट कर दिया था।
अगर श्रीलंका 1996 का इतिहास दोहराने के बारे में सोचता है तो मलिंगा का फिट और फॉर्म में होना जरूरी है। मलिंगा का संभवत: यह आखिरी विश्व कप होगा। (भाषा)