मैनचेस्टर। विंडीज के खिलाफ गुरुवार को महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी विश्व कप में जो धुआंधार पारी खेली, उसने सबके मुंह बंद कर दिए हैं। इस विश्व कप के सबसे अनुभवी क्रिकेटर धोनी ने 91.80 के स्ट्राइक रेट से 61 गेंदों में नाबाद 56 रन बनाए और टीम का स्कोर 50 ओवरों में 269 रनों तक पहुंचाया।
कप्तान विराट कोहली ने इस मैच में सिक्का जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था लेकिन रोहित शर्मा के 29 रनों के कुल स्कोर पर आउट होने के बाद टीम इंडिया थोड़े दबाव में आ गई।
28.5 ओवरों में भारत 140 रन पर 4 विकेट खोकर संघर्ष कर रहा था। ऐसे में मिडिल ऑर्डर को मजबूत करने के लिए धोनी ने मोर्चा संभाला। विराट के 72 रनों पर आउट होने के बाद धोनी के कंधों पर जिम्मेदारी और बढ़ गई, क्योंकि 38.2 ओवरों में स्कोर 5 विकेट पर 180 रन ही था।
दूसरे छोर पर खड़े हार्दिक पांड्या के साथ धोनी को पारी का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाना था। धोनी ने यह काम बखूबी किया। हार्दिक ने 38 गेंदों पर 46 रन बनाए। धोनी और हार्दिक के बीच 70 रनों की भागीदारी 6ठे विकेट के लिए निभाई गई। भारत का 6ठा विकेट (48.2 ओवर में) 250 के स्कोर पर गिरा।
धोनी ने आखिरी ओवर में 2 छक्के लगाकर भारत का स्कोर और अपना स्ट्राइक रेट सुधारा। धोनी अपने खेल के प्रति कितने सजग रहते हैं कि अंतिम गेंद फेंके जाने के पूर्व उन्होंने बल्ला बदला और छक्का उड़ा डाला। वे नाबाद 56 रनों पर पैवेलियन लौटे।
इस मैच में धोनी का नया अवतार देखने को मिला। उन्होंने अपनी पारी में 3 चौके और 2 छक्के जमाए। पिछली 4 पारियों में फ्लॉप रहने के कारण धोनी आलोचकों के निशाने पर थे लेकिन आज गुरुवार की बल्लेबाजी से उन्होंने साबित कर दिया कि क्रिकेटप्रेमी क्यों उन्हें 'दे दनादन धोनी' कहते हैं।
2019 का वर्ल्ड कप धोनी के वनडे करियर (अब तक 346 वनडे मैच, 10 हजार 646 रन, 10 शतक, 72 अर्द्धशतक) का आखिरी वर्ल्ड कप है और इसे वे यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे!