एक साल पहले ऐसा लग रहा था कि अंबाती रायुडु ने टीम इंडिया की नंबर 4 की पहेली सुलझा दी है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की खराब सीरीज के कारण टीम में उनकी जगह विजय शंकर को शामिल कर लिया गया। वह भी तब जब रायुडु पिछले विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे और इस बार टीम में जगह बनाने के दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन वे चयनकर्ताओं को अंत में प्रभावित नहीं कर सके।
हैरत की बात यह है कि उनकी जगह लाए गए विजय शंकर को नंबर 4 पर खेलने का मौका मिला विश्वकप के पांचवे मैच में (अफगानिस्तान के खिलाफ)। चौथे नंबर का बल्लेबाज अऩुभवी होना चाहिए जो विकट पर टिक कर खेल सके या अंत में बारी आए तो लंबे शॉट लगा सके, शंकर यह दोनों ही करने में विफल रहे हैं।
विजय शंकर से पहले केएल राहुल नंबर 4 पर खेल रहे थे जो अब शिखर धवन के जाने के बाद सलामी बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या शंकर को एक और मौका देना चाहिए या फिर किसी और बल्लेबाज को खिलाना चाहिए
धोनी हैं बेहतरीन विकल्प
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर धोनी ने नंबर 4 पर बेहतरीन प्रदर्शन कर इस क्रम पर अपना मजबूत दावा ठोक दिया। वर्तमान में वह जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं, वह नंबर चार के ही लायक है। इस नंबर पर खेलते हुए वह पारी को आगे भी बढ़ा सकते हैं और मैच फिनिशर की अपनी पसंदीदा भूमिका भी निभा सकते हैं।
पंत को दे सकते हैं मौका
शिखर धवन के स्थान पर टीम में आए रिषभ पंत को भी मौका दिया जा सकता है। इस से नंबर 4 के साथ साथ एक बाएं हाथ का बल्लेबाज भी टीम में जुडेगा। जिससे बल्लेबाजी क्रम में विविधता आएगी।
कोच और कप्तान को इसका फैसला जल्द ही लेना होगा। कहीं नंबर 4 विश्वकप अभियान में रोड़ा न बन जाए।