SAvsSL एडेन मार्कराम ने केवल 49 गेंदों पर विश्व कप क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज शतक बनाया, जबकि क्विंटन डिकॉक और रासी वान डेर डुसेन ने भी शतकीय पारियां खेली जिससे दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका के खिलाफ शनिवार को यहां पांच विकेट पर 428 रन बनाए, जो टूर्नामेंट का नया रिकॉर्ड है।
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों डिकॉक (84 गेंदों पर 100), डुसेन (110 गेंदों पर 108) और मार्कराम (54 गेंदों पर 106) ने शतक जमाए। इससे दक्षिण अफ्रीका विश्व कप में सर्वाधिक रन के ऑस्ट्रेलिया के रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल रहा जिसने 2015 में पर्थ में अफगानिस्तान के खिलाफ छह विकेट पर 417 रन बनाए थे।
डिकॉक और डुसेन ने जहां दूसरे विकेट के लिए 204 रन जोड़कर मजबूत नीव रखी, वहीं मार्कराम ने 14 चौकों और तीन छक्कों की मदद से तूफानी पारी खेली। डिकॉक ने अपनी पारी में 11 चौके और तीन छक्के लगाए, जबकि डुसेन की पारी में 13 चौके और दो छक्के शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका के इन तीनों बल्लेबाजों का विश्व कप में यह पहला शतक भी है।यह चौथा मौका था जिसमें वनडे की एक पारी में 3 शतक लगे हैं। अब तक ऐसा 4 बार हुआ था जिसमें से दक्षिण अफ्रीका ने 3 बार यह कारनामा कर चुका है।
इन तीनों के अलावा हेनरिक क्लासेन ने 20 गेंद पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 32 रन और डेविड मिलर ने 21 गेंदों पर तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 39 रन का योगदान दिया।
श्रीलंका का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही साबित नहीं हुआ। विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल था और कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण श्रीलंका का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर पड़ गया था।
दिलशान मधुशंका ने शुरू में ही तेंबा बावुमा (08) को पगबाधा आउट करके श्रीलंका को अच्छी शुरुआत दिलाई थी लेकिन इसके बाद उसके गेंदबाज कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए।
इस टूर्नामेंट के बाद वनडे से संन्यास लेने का फैसला कर चुके डिकॉक ने अपने सदाबहार अंदाज में बल्लेबाजी करके अपने करियर का 18वां शतक पूरा किया जबकि डुसेन ने उनका अच्छा साथ देकर अपने 50वें वनडे मैच में पांचवा शतक लगाया।
डिकॉक के आउट होने से यह साझेदारी टूटी, लेकिन इससे श्रीलंका के गेंदबाजों को किसी भी तरह की राहत नहीं मिली क्योंकि मार्कराम ने क्रीज पर उतरते ही ताबड़तोड़ रन बनाए तथा आयरलैंड के केविन ओब्रायन के विश्व कप में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड तोड़ा। ओब्रायन ने 2011 में 50 गेंद पर शतक लगाया था।
श्रीलंका के स्पिनरों को पिच से किसी तरह की मदद नहीं मिली। आलम यह था कि 19 से लेकर 29वें ओवर तक 85 रन बने। श्रीलंका का क्षेत्ररक्षण भी अच्छा नहीं रहा और उसके खिलाड़ियों ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को कुछ मौके भी दिए।