नई दिल्ली। मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने का फैसला किया है। क्रिप्टोकरेंसी पर बैन संबंधी खबरों के बाद निवेशकों में हड़कंप की स्थिति दिखाई दे रही है। निवेशकों को यह सवाल परेशान कर रहा है कि अगर सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाती है तो उसका क्या होगा? हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करेगी बल्कि नियमों के दायरे में लाएगी।
देश में पिछले कई दिनों से बाजार में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उत्साह का माहौल दिखाई दे रहा था। तमाम वेबसाइट्स क्रिप्टोकरेंसी और किप्ट्रो एक्सचेंजों के विज्ञापनों से पटी हुई थी। बिटकॉइन, टिथर, डॉगकॉइन आदि कई क्रिप्टो करेंसी लोगों की जुबान पर चढ़ गई। तेजी से लाभ कमाने के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें निवेश किया।
द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके।
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे।
फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगी, या कुछ प्रतिबंधों के साथ इसमें ट्रेडिंग की इजाजत देगी? यह सब कुछ बिल आने के बाद ही पता चल सकेगा।
क्या होगा प्रतिबंधों का असर : यह सवाल सभी के जेहन में उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का क्या असर होगा। लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल बिटकॉइन सहित अन्य क्रिप्टो में निवेश करने वालों के लिए मुश्किल बढ़ा सकता है। अगर सरकार क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है, तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेन-देन बंद हो जाएगा। आप कोई क्रिप्टो खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही आप उन्हें भुना भी नहीं पाएंगे।
वहीं अगर इसे नियमों के दायरे में लाया जाता है तो देश में निवेशकों में इसकी लोकप्रियता और बढ़ जाएगी। क्रिप्टो एक्सचेंजों की मदद से आप आसानी से लेनदेन कर पाएंगे और साथ ही कई बैंकों से भी ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलनी लगेगी।