नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नोटबंदी के मद्देनजर उपजी नकदी की तंगी और इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर मंगलवार को नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में भाग लेने के लिए 15 अर्थशास्त्री और आर्थिक विशेषज्ञ आमंत्रित किए गए हैं। नोटबंदी के बाद पहली बार मोदी आर्थिक विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे। इस दौरान अगले वित्त वर्ष के आम बजट पर भी चर्चा की उम्मीद है।
भारतीय रिजर्व बैंक और एशियाई विकास बैंक सहित कई प्रमुख साख निर्धारण एजेंसियों ने नोटबंदी के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के विकास अनुमान में कटौती की है।
गत 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया गया, जिसका असंगठित क्षेत्र में सबसे अधिक असर देखा गया है। नकदी की तंगी की वजह से इस क्षेत्र में सबसे अधिक लोगों की नौकरियां गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में मोदी नोटबंदी के बाद से नकदी की कमी को लेकर फीडबैक लेंगे। सरकार नोटबंदी के कदम के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों से निपटने के लिए रणनीति बनाना चाहती है।
भारत पिछले दो साल से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन तेज रफ्तार के बावजूद सरकार का राजस्व आधार काफी कम बढ़ा है। (वार्ता)