यूरोपीय संघ में रहने, न रहने के सवाल पर ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह का नतीजा आ गया है जिसके अनुसार 52 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से बाहर होने के पक्ष में मोहर लगाई है। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ रहने के पक्ष में 48 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया। इस जनमत संग्रह के बाद कई आशंकाएं भी सिर उठाने लगी हैं, जिनके तहत कहा जा रहा है कि इस फैसले का विपरीत असर ब्रिटेन की एकजुटता पर पड़ेगा। यहां तक ब्रिटेन टूट भी सकता है।
ब्रिटेन के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों टोनी ब्लेयर और सर जॉन मेजर ने चेतावनी दी थी कि अगर यूरोपीय संघ से ब्रिटेन निकला तो देश की 'एकता संकट' में पड़ जाएगी। कंजरवेटिव और लेबर पार्टी के दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों ने कहा कि यूरोपीय संघ से निकलने का फैसला स्कॉटलैंड की आजादी के मुद्दे को फिर से पुनर्जीवित कर सकता है और उत्तरी आयरलैंड के भविष्य को भी खतरे में डाल देगा।
इससे पहले एक लेख में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी कहा था कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ को छोड़ने के पक्ष में वोट करने की स्थिति में, वह उत्तरी आयरलैंड के भविष्य और शांति को लेकर चिंतित हैं। इस फैसले के बाद ब्रिटेन को स्कॉटलैंड के ब्रिटेन में बने रहने पर एक और जनमत संग्रह कराना पड़ सकता है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चेतावनी दी थी कि अगर उनका देश यूरोपीय संघ छोड़ने के पक्ष में वोट देता है तो इससे यूरोप की शांति पर खतरा हो सकता है। प्रधानमंत्री कैमरन ने कहा था कि संघ ने विभिन्न देशों के बीच सामंजस्य और शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है और
कैमरन ने सवाल भी किया था कि क्या यूरोपीय संघ को छोड़ना वाकई ऐसा जोखिम है, जिसे मोल लिया जा सकता है?
वहीं ईयू छोड़ने के पक्ष में प्रचार करने वालों का कहना था कि ब्रिटेन, यूरोपीय संघ नहीं बल्कि नाटो के कारण सुरक्षित है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि कैमरन अपने लक्ष्य से भटक गए हैं। लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन का कहना है कि यूरोपीय संघ का अलोकतांत्रिक रवैया, अस्थिरता और अलगाव की भावना की वजह है।
इस फैसले के बाद नाइजेल फराज, प्रधानमंत्री कैमरन की कुर्सी पर दावा कर सकते हैं। कैमरन ने भी अक्टूबर में इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। इसी तरह से स्कॉटलैंड की प्रमुख नेत्री निकोला स्टरजन का कहना है कि ब्रिटेन को अब स्कॉटलैंड के लोगों से भी पूछना चाहिए कि वे ब्रिटेन के साथ रहना चाहते है या स्वतंत्रता चाहते हैं।