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सोशल मीडिया पर देशप्रेम की लहर

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

# माय हैशटैग
 
स्वाधीनता दिवस पर सबसे ज्यादा राष्ट्र प्रेम कहां नजर आता है? सीधा सा जवाब है सभी जगह, लेकिन सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा। यहां राष्ट्रप्रेम का प्रदर्शन करना आसान भी है और फैशन भी। बड़ी संख्या में भारतीय स्वाधीनता दिवस पर अपने सोशल मीडिया स्टेटस को तिरंगे से सराबोर कर देते हैं। एक सप्ताह पहले ही इसकी शुरूआत हो जाती है। सोशल मीडिया के सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म पर तिरंगी डीपी नजर आती है। स्वाधीनता दिवस पर लोग राष्ट्र भक्ति के गाने, राष्ट्रीय प्रतीकों की शानदार तस्वीरें, सैनिकों के प्रति सम्मान का भाव और इसी से मिलती-जुलती बातें शेयर करना पसंद करते हैं। इस बार इस सूची में ओलंपिक भी जुड़ गया है। 
 
स्वाधीनता दिवस के इस मौके को भुनाने के लिए व्यावसायिक संस्थान भी नहीं चूकते। स्वाधीनता दिवस पर सेल के बहाने बिक्री बढ़ाने के नए-नए टोटके सोशल मीडिया पर भी नजर आ जाते हैं। बॉलीवुड के लिए स्वाधीनता दिवस कमाई का एक अच्छा त्योहार है। फिल्मों से भले ही राष्ट्र प्रेम गायब हो गया हो, स्वाधीनता दिवस को बॉलीवुड कभी नहीं भूलता। कई एनजीओ इस मौके पर वृक्षारोपण में जुट जाते हैं, कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम करवा देते हैं और कुछ सफाई अभियान में भी जुट जाते हैं। हर किसी का अपना स्वाधीनता दिवस है और पूरी आजादी से लोग इस दिन का उपयोग करते है। 
 
राष्ट्रीयता की यह भावना विदेश में रहने वाले भारतीयों में खास तौर पर नजर आती है। हमारे विदेशी दूतावास बड़ी शान से तिरंगा फहराते हैं और पार्टियां देते हैं। पूरे आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करना नहीं भूलते। इस तरह सोशल मीडिया परस्पर गतिविधियों की जानकारी देने वाला सबसे बड़ा और प्रमुख मंच बन जाता है। जो खबरें अखबारों और टीवी चैनलों में जगह नहीं पा पाती, वे सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय होती हैं। 
 
स्वाधीनता दिवस के मौके पर लोग सोशल मीडिया पर अपने ये विचार भी शेयर करते हैं कि उन्हें अभी भी आजादी की जरूरत है। यह आजादी चाहिए सांप्रदायिक विचारों से, जाति-पाति से, गरीबी से, बेकारी से, अश्लीलता से, नारी को कम समझने के विचारों से और विदेशी भाषा के प्रभुत्व से भी। अमिताभ बच्चन ने अपने संदेश में महिलाओं के प्रति असम्मान से आजादी चाही है यानी महिलाओं को पूरा सम्मान हर जगह मिले। एक प्रमुख आध्यात्मिक साधु ने स्वतंत्रता चाही है ध्यान के समय तनाव और चिंताओं से। भ्रष्ट नेताओं से आजादी चाहने वालों की संख्या भी बहुत बड़ी है। 
 
देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जो महंगाई से आजादी चाहते हैं। लाखों लोग ऐसे भी हैं, जो महंगी चिकित्सा प्रणाली से आजादी चाहते हैं और तो और टैक्स चोरी से भी लोग मुक्ति चाहते हैं, ताकि जो ईमानदारी से टैक्स दे रहे हैं, उन पर टैक्स का बोझ ज्यादा न पड़े। नकारात्मकता से आजादी चाहने वाले भी बहुत हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों से मुक्ति चाहने वाले भी। सायबर चोरों से आजादी चाहने वाले नौजवानों की संख्या अच्छी खासी है। हल्के-फुल्के लफ्जों में कहे तो लाखों लोग ऐसे हैं, जो सोशल मीडिया पर टैग करने वालों से आजादी चाहते हैं। कुल मिलाकर स्वतंत्रता दिवस का माहौल सोशल मीडिया पर भी है। कुछ लोग इसे गंभीरता से लेते है और कुछ उतने गंभीर नहीं हैं।

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