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चीन का प्रांत शिनजियांग और उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार

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अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 22 जुलाई 2020 (10:34 IST)
चीन का प्रांत शिनजियांग एक मुस्लिम बहुल प्रांत है। ऐसा कहा जाता है कि इस प्रांत के कुछ हिस्से किर्गिस्तान, कजाकिस्तान के हैं और कुछ तिब्बत, मंगोलिया और चीन के अन्य हिस्सों के हैं। इस्लाम की उत्पत्ति से भी पूर्व इस प्रांत में अरब व्यापारियों का आना-जाना लगा रहता था।
 
कहते हैं कि प्राचीन लोनान नगर सिन्चांग प्रांत के दक्षिणी भाग में स्थित लोबुपो झील के उत्तर पश्चिम छोर पर आबाद था, जो कभी रेशम मार्ग के मुख्य स्थान पर रहा था। आज यह नगर रेगिस्तान, यातान भू- स्थिति तथा कड़ी नमक परत से दबा हुआ है, जो एक निर्जन, बंजर और खतरनाक स्थल बन गया है। लोलान नगर के प्राचीन कब्र की खुदाई में आज से 3800 वर्ष पहले का सुखा हुआ मानव शव प्राप्त हुआ है, जो लोलान की सुन्दरी के नाम से मशहूर है । लोलान नगर में मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े, कंबल के टुकड़े, प्राचीन कांस्य सिक्के, प्राचीन शस्त्र तथा रेशमी कपड़े के टुकड़े उपलब्ध हो गए हैं।
 
 
सिन्चांग प्रांत वेवूर, कजाख, ह्वी, उज्जबेक, कर्गजी, ताजिक, तातार, तिब्बती, हान, च्येन अदि जातियों का यह मिलन स्थाल था। व्यापार करने आए अरब के लोगों ने यहां पर इस्लाम का प्रचार किया और अब यह मुस्लिम बहुल प्रांत बन चुका है। प्रारंभ में यहां के मुस्लिमों ने प्रथक देश की मांग की जिसके चलते कई संघर्ष हुए। इस संघर्ष के चलते वहां के बौद्धों, तिब्बतियों आदि अल्पसंख्‍यकों को पलायन करना पड़ा।
 
 
पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक राष्ट्रों के सहयोग से यहां छोटे-छोटे गुटों में आतंकवाद पनप चुका है, जो चीन से आजादी की मांग करते हैं। हालांकि हर वो चीज जिससे देश को खतरा महसूस हो, चीन उसे रोकने में देर नहीं लगाता, फिर चाहे उस पर दुनिया में कितना ही बवाल मचे या उसका विरोध हो। चीन ने सभी मुस्लिमों को आतंकवादी समझकर एक दमनचक्र चलाया और आज वहां के मुस्लिमों को जिना हराम हो चुका है। कहते हैं कि चीन ने लगभग 10 लाख से ज्यादा मुस्लिमों को आधुनिक शिक्षा के नाम पर एक जगह बंधक बनाकर रखा है।

 
कुछ वर्ष पूर्व हुए धर्म सम्मलेन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देशवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे चीन की स्टेट पॉलिसी 'मार्क्सवादी नास्तिकता' का अनुसरण करें और इस्लामी विचारधारा का अनुसरण न करें। यह कितनी हास्यापद बाद है कि पाकिस्तान ने उस चीन से हाथ मिला रखा है, जो ईश्वर को नहीं मानता है। ऐसा उसने सिर्फ इसलिए कर रखा है ताकि वह भारत से कश्मीर मामले में मुकाबला कर सके।
 
 
चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान उइगरों द्वारा चीनी सरकार का विरोध काफी बढ़ा है। शिनजियांग की सीमा पाकिस्तान से लगती है, जहां से कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षाओं का प्रसार होता है। चीन पहले ही पाकिस्तान को शिनजियांग में इस्लामी शिक्षाओं प्रचार-प्रसार को रोकने की चेतावनी देता रहा है। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों की आबादी 1 करोड़ से ज्यादा है जिन्हें तुर्किस्तान का मूल निवासी माना जाता है। चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को आतंकवादी संगठन मानता है।
 
 
उइगर मुस्लिम नेता डोल्कुन ईसा पर शिनजियांग में कट्टरवाद फैलाने के आरोप हैं। चीन के अनुसार यह नेता मुस्लिम बहुल जिनजियांग प्रांत में इस्लामिक आतंकवाद का समर्थक है। जर्मनी में रह रहे डोल्कुन ईसा को चीन एक आतंकी घोषित कर चुका है और उसकी मांग पर ईसा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। सन् 1985-89 के बीच जिनजियांग यूनिवर्सिटी में छात्र नेता के रूप में डोल्कुन ने लोगों को भड़काने का कार्य शुरू किया था। 1997 में चीन की सख्‍ती के चलते वह यूरोप भाग गया और 2006 में उसे जर्मनी की नागरिकता मिल गई। वहां रहकर इसने चीन से बाहर रह रहे उइगर मुस्लिमों के ग्रुप wuc को ज्वॉइन किया और उसका महासचिव बन गया। 

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