Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राजनाथ बोले, 'सबसे बड़े सहयोग' की तरफ बढ़ सकते हैं भारत और अमेरिका

हमें फॉलो करें राजनाथ बोले, 'सबसे बड़े सहयोग' की तरफ बढ़ सकते हैं भारत और अमेरिका
, शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020 (00:02 IST)
rajnath singh
लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत तथा अमेरिका 'खरीदार और विक्रेता' की अपनी परम्परागत पहचान से आगे बढ़ेंगे और इस सदी में दोनों मुल्क अपने सबसे बड़े सहयोग की तरफ बढ़ सकते हैं।
 
सिंह ने डिफेंस एक्सपो—2020 में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'भारत—अमेरिका संबंध क्रेता और विक्रेता की परम्परागत पहचान से आगे बढ़ेंगे। मुझे विश्वास है कि यह रिश्ता भविष्य में और अधिक गतिशील और जीवंत होगा।' 
 
उन्होंने कहा कि अमेरिका न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा उत्पाद निर्यातक है। साथ ही साथ भारत का रक्षा उत्पाद निर्माण क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में हमारा सहयोग इस सदी का सबसे बड़ा समन्वय साबित हो सकता है।
 
सिंह ने आयुध निर्माता कम्पनियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में सुधार कर रही है और निवेशकों को भारत में निवेश करके सर्वाधिक फायदा होगा।
 
उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि भारत की अफ्रीकी देशों से साझीदारी उनकी प्राथमिकताओं और क्षमताओं के हिसाब से होगी और यह आतंकवाद तथा उग्रवाद से लड़ने के साथ—साथ साइबरस्पेस को सुरक्षित रखने पर भी केन्द्रित होगी। भारत अफ्रीकी देशों के साथ अपने रक्षा सम्बन्धों को और गहराई देगा।
 
डिफेंस एक्सपो में पहली बार आयोजित भारत—अफ्रीका रक्षा मंत्रियों के कान्क्लेव में उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीकी देशों को निगरानी पोत, इंटरसेप्टर बोट, नाइट विजन गॉगल्स, मानवरहित विमान, डॉर्नियर विमान तथा अन्य सैन्य साजोसामान उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है।
 
इस कॉन्क्लेव में अफ्रीका महाद्वीप के 12 देशों समेत 38 मुल्कों के रक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ऐसा पहली बार है जब भारत के किसी डिफेंस एक्सपो में अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा सहयोग की सम्भावनाएं तलाशने के लिए कोई कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीकी मुल्कों के साथ निवेश, रक्षा उपकरण उत्पादन में संयुक्त उपक्रम, रक्षा अनुसंधान और विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में और अधिक गहन तालमेल की कोशिश कर रहा है। भारत की अफ्रीका से साझीदारी एक 'खुली साझीदारी' है।
 
कॉन्क्लेव में भारत—अफ्रीका रक्षा सहयोग सम्बन्धी घोषणा को भी अंगीकार किया गया। इस मौके पर देश के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया तथा थलसेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे भी मौजूद थे।
 
सिंह ने एक्सपो में मेडागास्कर के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल रोकोटोनिरीना रिचर्ड से मुलाकात भी की। इस दौरान, रक्षा मंत्री ने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग में संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया।
 
सिंह ने कहा कि समुद्री पड़ोसियों के रूप में दोनों देशों की जिम्मेदारी है कि वे सुरक्षित समुद्री वातावरण सुनिश्चित करें ताकि व्यापार और वाणिज्य का विकास हो सके।
 
मार्च 2018 में मेडागास्कर में भारत के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक यात्रा से दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आई।
 
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से दोनों देशों को रक्षा सहयोग के लिए समर्थकारी ढांचा मिला।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सबसे पहले दिया था कोरोना वायरस का अलर्ट, महामारी से चीनी डॉक्टर की मौत