नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। रात 10 बजे तक 61.56 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई। अब इंतजार 11 फरवरी का है जब इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि रात 10 बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 61.56 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
उन्होंने बताया कि जो भी मतदाता निर्धारित समय शाम 6 बजे तक मतदान केन्द्र के सीमा में आ गए हैं, उन्हें वोट डालने दिया जाएगा। वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 67.47 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में 60.06 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
सिंह ने बताया कि 70 सीटों के लिए हुए चुनाव में कुल 672 प्रत्याशी मैदान में थे जिसमें 593 पुरुष और 79 महिलाएं थीं। कुल मतदाता 1 करोड़ 47 लाख 86 हजार 382 हैं। मतदान संपन्न कराने के लिए 98 हजार से अधिक कर्मी तैनात किए गए थे।
उन्होंने बताया कि मतदान ड्यूटी के दौरान 2 कर्मचारियों का निधन हो गया। इनमें बाबरपुर में तैनात एक मतदान अधिकारी ऊधम सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। एक अन्य कर्मी उत्तरप्रदेश होमगार्ड का जवान ज्ञानसिंह था जिसकी कल तबीयत खराब हुई थी और उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आज उसकी मृत्यु हो गई।
सिंह ने बताया कि शतायु मतदाताओं में से 60 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को डाक मतपत्र की सुविधा दी गई थी।
उन्होंने कहा कि 488 दिव्यांग मतदाताओं ने मतपत्र लिए थे जिनमें से 429 ने मतदान किया। इसी प्रकार 80 वर्ष से अधिक उम्र के 2429 मतदाताओं ने डाक मतपत्र लिए थे जिसमें से 2057 ने इसका इस्तेमाल किया।
इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रौद्योगिकी पर आधारित था और फर्जी मतदान पर काबू किया गया। चुनाव के दौरान करीब 57 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी, शराब आदि पकड़ी गई। इसमें 12 करोड़ 33 लाख रुपए की नकदी, 2 करोड़ 43 लाख रुपए की शराब पकड़ी गई। 42 करोड़ 32 लाख रुपए की अन्य अवैध सामग्री पकड़ी गई।