भारतीय राजस्व सेवा (IRS) से वीआरएस लेकर राजनेता बने अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में हैं। केजरीवाल के खिलाफ इस बार मैदान में दो पूर्व सीएम के बेटे हैं। भाजपा से प्रवेश वर्मा और कांग्रस से संदीप दीक्षित उन्हें चुनौती दे रहे हैं। अरविंद केजरीवाल 2013 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर उनकी नजर है।
अरविंद केजरीवाल सरकारी नौकरी छोड़कर सामाजिक, राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ गए। केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद राजनीति में प्रवेश किया। जनलोकपाल की मांग को लेकर 2011 में इस आंदोलन ने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंका था। इसका उद्देश्य नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए स्वतंत्र लोकपाल का गठन था। अन्ना के आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी अब दिल्ली और देश की सियासत में खास मुकाम हासिल कर चुकी है। पहले चुनाव 2013 में 28 सीटें जीतने वाली पार्टी की अब दो राज्यों में (दिल्ली और पंजाब) सरकारें हैं।
अन्ना आंदोलन के अहम किरदार : अन्ना आंदोलन में अरविंद केजरीवाल एक मुख्य चेहरे थे। राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ खासकर कांग्रेस को निशाना बनाते हुए उन्होंने आवाज बुलंद की। इससे वे आंदोलन का अहम किरदार बने और उन्हें देश में पहचान मिली। आंदोलन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और जनता से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया। केजरीवाल को 2006 में रेमन मैगसेसे पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
राजनीतिक करियर : 24 नवंबर, 2012 को अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी का गठन किया। उन्होंने पहले ही चुनाव में दिल्ली में 3 बार मुख्यमंत्री रहीं कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित को हराकर बड़ी जीत हासिल की और मुख्यमंत्री बने। केजरीवाल ने पहली बार 28 दिसंबर 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली थी।
केजरीवाल ने पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन नाम का एक गैर-सरकारी संगठन भी बनाया है। 1999 में अरविंद केजरीवाल जब सरकारी सेवा में थे, तभी उन्होंने परिवर्तन नामक आंदोलन चलाया। इसके जरिए उन्होंने दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोगों की मदद करने का लक्ष्य रखा।
पीएम मोदी को भी दी चुनौती : कांग्रेस से समर्थन लेकर केजरीवाल ने दिल्ली में 49 दिन की सरकार चलाई। 2014 के लोकसभा चुनावों में केजरीवाल ने बनारस में नरेन्द्र मोदी को चुनौती दी, लेकिन 3 लाख से ज्यादा वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में उनकी पार्टी ने 67 सीटें जीतीं, जबकि 2020 में 62 सीटें जीतकर वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में केजरीवाल को जेल जाना पड़ा था। हालांकि जेल में रहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था, लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफे दे दिया।
जन्म और शिक्षा : अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा राज्य के हिसार जिले के सिवानी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गोविंद और माता का नाम गीता केजरीवाल है। वे अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनका बचपन सोनीपत, मथुरा और हिसार में बीता। केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली और टाटा स्टील में काम करने के बाद 1992 में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चयनित हुए। वे मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी, रामकृष्ण मिशन और नेहरू युवा केन्द्र से भी जुड़े रहे हैं। अरविंद का विवाह सुनीता से हुआ जो खुद भी एक आईआरएस अधिकारी हैं। इनके दो बच्चे हैं, बेटी का नाम हर्षिता और बेटे का नाम पुलकित है।