Delhi Assembly Election 2025 : आयकर छूट का दांव दिल्ली चुनाव में कितना आएगा काम, बजट में बिहार को तवज्जो
चुनाव आयोग ने दिल्ली के लिए विशेष घोषणाओं से रोका
Delhi Assembly Election 2025 Budget 2025-26 : चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार को केंद्रीय बजट में दिल्ली के लिए विशेष घोषणाएं करने से रोका है, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए आयकर राहत को कई लोग 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में संभावित उलट-फेर कर सकने वाले कदम के रूप में देख रहे हैं। केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सालाना 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा। इस कदम का उद्देश्य मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देना है।
दिल्ली में 40 लाख मतदाता : वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपए (यानी पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय के अलावा प्रति माह 1 लाख रुपए की औसत आय) तक कोई आयकर देय नहीं होगा। दिल्ली में 40 लाख आयकरदाता हैं। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के साथ, भाजपा मध्यम वर्ग के वोट हासिल करने का कोशिश करेगी, जो दिल्ली चुनावों में एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकी रहा है। भाजपा नेताओं ने इस कदम को मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत बताया और कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी में मध्यम वर्ग के बीच पार्टी का समर्थन मजबूत होगा।
दिल्ली में मध्यमवर्ग के करदाता अधिक : भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण घोषणा है, जिससे मध्यम वर्ग का भाजपा में विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने मध्यम वर्ग के लिए पहले ही कई घोषणाएं की हैं। हम भविष्य में भी उनके लिए बहुत कुछ करते रहेंगे। 12 लाख रुपए की वार्षिक आय वाले लोगों को आयकर में छूट का दिल्ली विधानसभा चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में करदाता हैं जिन्हें लाभ मिलेगा और यह मध्यम वर्ग के लिए एक बजटीय उपहार है।
2015 से आप का शासन : दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होंगे और आठ फरवरी को मतगणना होगी। 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से हटाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है, जो 2015 से दिल्ली पर शासन कर रही है।
भाजपा नेता बोले- बढ़ेगी क्रयशक्ति : रोहिणी सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग के लोगों को इस कदम से सीधे तौर पर फायदा होगा, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और बाजार में वृद्धि होगी। गुप्ता ने पीटीआई से कहा कि 'इससे पता चलता है कि भाजपा मध्यम वर्ग का ख्याल रखती है और चुनाव में उसे बड़े पैमाने पर समर्थन मिलना है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 22 जनवरी को देश के मध्यम वर्ग के लिए आम आदमी पार्टी का सात सूत्री "घोषणापत्र" जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनकी लगातार उपेक्षा की गई है और वे "कर आतंक" का शिकार हो रहे हैं।
दिल्ली के करदाता कितना कर रहे हैं भुगतान : पिछले दिनों केजरीवाल ने कहा था कि दिल्लीवासी 1.78 लाख करोड़ रुपए से अधिक आयकर का भुगतान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें केंद्रीय करों में ज्यादा हिस्सा नहीं मिलता। दिल्ली के बुराड़ी निवासी शुभम गुप्ता ने केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बड़ी संख्या में मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभ मिलेगा। एक अन्य निवासी सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि सरकार को 15 लाख रुपए तक की आय वालों को भी राहत देनी चाहिए थी।
चुनाव आयोग ने दिया था निर्देश : अरोड़ा ने कहा कि बजट में सरकार को 15 लाख रुपये तक की आय वालों को कुछ राहत देनी चाहिए थी। 12 लाख रुपए से अधिक कमाने वालों को अधिक कर देना पड़ेगा। पिछले महीने चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए केंद्रीय बजट में दिल्ली से संबंधित किसी भी योजना या पहल की घोषणा करने से बचने का निर्देश दिया था।
बिहार को खास तवज्जो : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शनिवार को पेश किए गए आम बजट में मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता में विस्तार सहित कई अन्य घोषणाएं कर बिहार को खास तवज्जो दी गई है।
कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं ने कहा कि बजट 2025 में आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है तथा सरकार इसे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाई है। हालांकि भाजपा और इसके सहयोगी दलों ने इस आरोप को खारिज किया।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। वर्तमान में वहां जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार है। लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के अलावा बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान भी स्थापित करेगा।पटना हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार किया जाना भी प्रमुख घोषणाओं में शामिल है।
बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), पटना में छात्रावास और एक अन्य बुनियादी ढांचा क्षमता के विस्तार की भी घोषणा हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह सकारात्मक है और इससे राज्य के विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने दिया धन्यवाद : मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद दिया। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रमुख घटक है।
नीतीश ने एक बयान में कहा कि मखाना बोर्ड की स्थापना के प्रस्ताव से मखाने की खेती को बढ़ावा मिलेगा, जिसके लिए राज्य दूर-दूर तक जाना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे उड़ान संपर्क सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने भी मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसर खुलेंगे। यह उल्लेख करते हुए कि यह क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा, झा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह पहल उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बढ़ाएगी, जिससे मिथिला और बिहार में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
क्या बोले तेजस्वी : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बजट में सिर्फ जुमलेबाजी की गई है तथा पहले की गई घोषणाओं को वह नया बताकर फिर से पेश कर रही है। बिहार के वैशाली जिले में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार की राज्य के लिए अच्छा लाभ हासिल करने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिए आलोचना की।
कांग्रेस बोली मिला घोषणाओं का खजाना : राजद की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है। महासचिव जयराम रमेश ने बिहार से भाजपा के सहयोगी दल जद(यू) और आंध्र प्रदेश से तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के स्पष्ट संदर्भ में एक्स पर कहा, यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां (बिहार) चुनाव होना है। लेकिन राजग के दूसरे स्तंभ यानी आंध्र प्रदेश को इतनी बुरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया गया है? इस आरोप के मद्देनजर, झा ने सवाल किया कि अगर बिहार को मिला भी है तो विपक्षी दलों को आपत्ति क्यों है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि जिन दलों की केंद्र सरकारों ने आजादी के बाद दशकों तक बिहार की घोर उपेक्षा की थी, उसके नेता केंद्रीय बजट 2025-26 में बिहार को मिली विशेष सौगातों से विचलित हो रहे हैं और इसे बिहार का बजट बता रहे हैं।
उन्होंने पीटीआई-वीडियो से कहा, आज जब बिहार को मिल रहा है तो पता नहीं उन्हें क्यों मिर्ची लग गई है। क्या ये लोग बिहार और बिहार के लोगों के खिलाफ हैं। जद (यू) नेता एवं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि विपक्षी दल बिहार के लिए विकास योजनाओं पर आपत्ति कर रहे हैं।
सिंह ने पूछा, ऐसे में उन्हें (विपक्षी दलों को) बिहार में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। बिहार भी इसी देश का हिस्सा है और यदि उसे कुछ मिला है तो इसमें गलत क्या है? आईआईटी, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण श्रृंखलाएं बनाने की घोषणाएं की गई हैं... ये सब बिहार के युवाओं के लिए बहुत लाभकारी होगा। इसमें परेशानी क्या है?
क्या बोले चिराग पासवान : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विपक्ष को एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव संबंधी विधेयकों का समर्थन करने की चुनौती दी ताकि आम बजट को लेकर होने वाली इस बहस को समाप्त किया जा सके कि इसमें भविष्य में चुनाव वाले राज्यों को फायदा पहुंचाया गया है। पासवान ने कहा कि बजट के समय देश के किसी न किसी हिस्से में हमेशा चुनाव हो रहे होते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष को इतनी आपत्ति है, तो उसे एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा का समर्थन करना चाहिए और इस बहस को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए। अगली बार जब बजट पेश किया जाएगा तो कोई न कोई चुनाव अवश्य हो रहा होगा।
पहनी मिथिला की पेंटिंग वाली साड़ी : बजट में बिहार पर कितना ध्यान केंद्रित किया गया, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि सीतारमण ने मिथिला पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी पहनकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया।
सीतारमण को यह साड़ी सुप्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी ने उस समय भेंट की थी, जब वह गत वर्ष नवंबर महीने में बिहार के मिथिला क्षेत्र के दौरे पर थीं और इस दौरान वह मिथिला चित्रकला संस्थान गई थीं। लोकप्रिय मधुबनी पेंटिंग को मिथिला पेंटिंग के नाम से भी जाना जाता है। इसे लोककला की एक पारंपरिक और जटिल शैली माना जाता है। बिहार के मिथिला क्षेत्र में इस कला की उत्पत्ति मानी जाती है। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma