Narak Chaturdashi 2021: धनतेरस अर्थात धन त्रयोदशी के दिन 13 और नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीपक जलाने की परंपरा है। नरक चतुर्दशी के दिन घर में मुख्यत: पांच दीये जलाने का प्रचलन है। इनमें से एक दीया घर के पूजा पाठ वाले स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं, चौथा दीया पीपल या वट के पेड़ तले रखना चाहिए। वहीं पांचवां दीया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाए वह दीया चार मुंह वाला होना चाहिए और उसमें चार लंबी बत्तियों को जलाना चाहिए।
इसके अलावा आप और भी दीए जलाना चाहें तो 7, 13, 14 या 17 की संख्या में दीए जला सकते हैं। कई लोग छोटी दिवाली के दिन 14 दीपक जलाते हैं। निम्नलिखित जानकारी मान्यता और किवदंतियों पर आधारित है। परंपरा यह देख गया है कि हर राज्य में अलग अलग मान्यताएं हैं कोई समय संख्या में तो कोई विषम संख्या में दीपक जलाता है परंतु उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि किस जगह पर किसके निमित्त दीपक जलाया जा रहा है।
1. पहला दीया रात में सोते वक्त यम का दिया जो पूराना होता है और जिसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है।
2. दूसरा दीया किसी सुनसान देवालय में रखा जाता है जोकि घी का दिया होता है। इसे जलाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
3. तीसरा दीया माता लक्ष्मी के समक्ष जलाते हैं।
4. चौधा दीया माता तुलसी के समक्ष जलाते हैं।
5. पांचवां दीया घर के दरवाजे के बाहर जलाते हैं।
6. छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाते हैं।
7. सातवां दीया किसी मंदिर में जलाकर रख दें।
8. आठवां दीया घर में कूड़ा कचरा रखने वाले स्थान पर जलाते हैं।
9. नौवां दीया घर के बाथरूम में जलाते हैं।
10. दसवां दीया घर की छत की मुंडेर पर जलाते हैं।
11. ग्यारहवां दीया घर की छत पर जलते हैं।
11. बारहवां दीया घर की खिड़की के पास जलाते हैं।
13. तेरहवां दीया- घर की सीढ़ियों पर जलाते हैं या बरामदे में।
14. चौदहवां दीया रसोई में या जहां पानी रखा जाता है वहां जलाकर रखते हैं।