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दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें

हमें फॉलो करें दिवाली 2021 : कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का पर्व, जानिए 10 खास बातें
, बुधवार, 3 नवंबर 2021 (12:28 IST)
Diwali 2021: इस वर्ष दिवाली का त्योहार खुशियों भरा इसलिए है क्योंकि कोरोना काल के बाद लोग अब अच्छे से दिवाली मनाएंगे। हालांकि अभी भी सावधानी रखने की जरूरत है। कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अगर त्योहारों के मौसम में जरा भी लापरवाही बरती गई तो कोरोना एक बार फिर से उग्र रूप ले सकता है। ऐसे में आओ जानते हैं कि कैसे मनाएं इस वर्ष दीपावली का महापर्व।
 
1. घर की साफ सफाई करें : दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठें और दिवाली मानाने के लिए अपने घर को अच्छे से साफ करें, घर की गन्दगी को हटाएं। घर का हर कोना साफ कर दें।
 
3. खरीदारी करें : वैसे जो दिवाली की खरीदारी धनतेरस या गुरु पुष्य नक्षत्र में ही कर ली जाती है। फिर भी यदि पूजा, सजावट की सामग्री या अन्य कोई सामग्री बच गई हो तो उसके लिए खरीदारी करना होती हैं। यदि बाजार में कुछ खरीदने जा रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिग का पूरा पूरा ध्यान रखें और मास्क जरूर लगाएं। घर लौटे तो हाथों को अच्छे से धोएं।
 
2. घर की सजावट करें : साफ-सफाई के बाद घर की सजावट करें। माता लक्ष्मी के पूजा स्थल को सजाएं। हार-फूल आदि से द्वार, चौखट और खिड़की को सजाएं।
3. रंगोली बनाएं : दिवाली पर द्वार के बाहर अच्छीसी रंगोली या मांडना बनाएं। लक्ष्मी पूजा स्थल पर भी रंगोली या मांडना बनाएं। इसके लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें। घर की सभी महत्वपूर्ण जगहों पर रंगोली बनाएं।
 
4. दीए लगाएं : शाम को दीए जलाने की तैयारी कर लें और फिर शाम को कितने और कहां दीपक जलाने हैं इसकी जानकारी जुटा लें। बहुत से लोग दिये का और बहुत से लोग मोमबत्ती का उपयोग करते हैं परंतु दिवाली में अगर अपने घर को रोशन करना है तो दिये का इस्तेमाल करना ही सही तरीका है।
 
5. मिठाई और पकवान बनाएं : इस दिन, दिन में दिवाली के पकवान और मिठाई बनाई जाती है। नाश्ता करने के बाद यह कार्य करें और शाम को लक्ष्मी भोग की तैयारी करें। पकवान उतने ही बनाएं जितने की जरूरत हो। आजकर बाजार में ही दिवाली के बने बनाए पकवान मिलने लगे हैं।
 
6. माता लक्ष्मी की पूजा-आरती करें : शाम को नए वस्त्र पहनकर शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करें। माता लक्ष्मी को सभी तरह के भोग लगाएं और फिर सभी घर के सदस्य प्रसाद ग्रहण करें। यदि आप पूजा में जितनी देर करेंगे उतना कम लुफ्त उठा पाएंगे लोगों से मिलने और पटाखे छोड़ने में, तो बेहतर होगा कि आप शाम को जो सबसे पहला मुहूर्त हो उसी में लक्ष्मीजी की पूजा अच्छे से कर लें।
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7. पटाखें छोड़े : माता लक्ष्मी की पूजा के बाद बाहर सुरक्षित स्थान पर पटाखें चलाएं। पटाखे छोड़ते वक्त मास्क जरूर लगाएं। पटाखों से आंखों को बचाकर रखें और सबसे पहले तो याद रखें कि बच्चे अपने परिवार के बीच ही पटाखे चलाएं। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, नए-नए प्रयोग ना करें और साथ में सुरक्षा हेतु पानी की केन भरकर रखें। जब आप अपने पटाखे चला लें तो जिम्मेदार नागरिक बनिए, सारा कचरा साफ करें। अपने हाथ और पैर अच्छे से धोएं। पटाखों का कचरा जहरीला होता है। इसे ग्लोब्स पहन कर ही उठाएं। पाटाखों के संबंध में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का ध्यान रखें।
 
8. एक-दूसरे से मिलें : लक्ष्मी पूजा के बाद पटाखे छोड़े जाते हैं और फिर सभी लोग एक दूसरे से मिलकर ‍दिवाली की बधाई देते हैं और आपस में मिठाइयों का आदान-दान करते हैं। मंदिर या महालक्ष्मी मंदिर में दीए रखने भी जाते हैं। 
9. सोने के पूर्व करें ये कार्य : दीपावली के दिन रात में सोने के पूर्व बच गए पटाखों को सुरक्षित स्थान पर रखें। माता लक्ष्मी के समक्ष एक ऐसा दीपक जलाकर रखें जो रातभर जलता रहे। घर का यदि कचरा हो गया हो तो उसे घर के किसी एक कोने में एकत्रित कर दें। घर के बाहर कचरा नहीं करें। 
 
10. घर परिवार वालों के साथ मनाएं दिवाली : दीपावली के दिन घर पर ही रहकर अच्छे से दिवाली का त्योहार मनाएं। बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि अपने शहर से बाहर या अपने प्रदेश से बाहर किसी अन्य प्रदेश या शहर में नौकरी कर रहे हैं उन्हें तो लंबी छुट्टी की आवश्यकता होती है। ऐसे में वे लोग अपने परिवार के साथ ही अपने नगर चले जाते हैं। यदि वे लोग छुट्टियों को अच्छे से प्लान करें तो दीपावली को अपने घर पर पूजा-पाठ करने के बाद कहीं घुमने जा सकते हैं।
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कुछ ऐसे लोग हैं जो कि सोचते हैं कि इस बार की दिवाली कहीं ओर मनाई जाए। वे लोग अपने गांव चले जाते हैं या किसी खास रिश्‍तेदार के यहां दिवाली मनाते हैं। आप भी ऐसा कर सकते हैं। इस बार की दिवाली आप अपने संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर मना सकते हैं या किसी खास जगह पर एंजॉय कर सकते हैं। इसके लिए अपने खुद के वाहन का ही उपयोग करें।
 
कई क्षेत्रों में तो दिवाली पर मेला भी लगता है। ग्रमीण क्षेत्रों में मवेशियों को अच्‍छे से सजाया जाता है और कई तरह के खेलों का आयोजन भी होता है। परंतु हमारी सलाह है कि आप भीड़ से बचें और अपने परिवार और रिश्तेदारों के बीच ही दिपावली मनाएं।

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