दीपावली के 5 दिवसीय त्योहार का दूसरा दिन है रूप चर्तुदशी, जिसे रूप चौदस या नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उबटन और स्नान से वर्ष भर सौंदर्य में वृद्धि होती है।
साथ ही इस दिन दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। कुछ विशेष उपाय आजमाकर इस दिन मिलने वाले फल की शुभता में वृद्धि कर सकते हैं। ये रहे 5 उपाय -
1 ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय से पहले उठ जाएं और दिनचर्या से निवृत्त होकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद, केसर और दूध का उबटन करें, फिर स्नान करके पूजन करें। इससे सकारात्मकता बढ़ेगी और शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
2 आज के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियां जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
3 सिर्फ उबटन और स्नान ही न करें बल्कि इत्र लगाएं और अच्छी तरह से तैयार हों। इस दिन विशेष रूप से सौंदर्य पर ध्यान दें, ताकि साल भर आपका सौंदर्य बरकरार रहे।
4 चतुर्दशी की रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक अवश्य जलाएं, इससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
5 चतुर्दशी के दिन नए पीले रंग के वस्त्र पहन कर यम का पूजन करें। इससे अकाल मृत्यु एवं नरक में जाने का भय नहीं रहता।