* क्या आपको लू लग गई है, तो घबराएं नहीं, करें ये उपाय...
वैसे तो गर्मी, धूप और लू से बचने के लिए आप कई तरह से सतर्क रहते हैं और इनसे बचने का पूरा प्रयास भी करते हैं। लेकिन इन सभी के बावजूद अगर आपको लू लग जाए, या फिर शरीर में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर आप बीमार महसूस करें, तो यह उपाय आपको जरूर आजमाने चाहिए-
1 खुले शरीर धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढंके। आंखों पर सनग्लासेस लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े ही पहनें।
2 अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं। खासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें। कच्चा प्याज रोज खाएं। धूप में निकलने पर अपने पॉकेट में छोटा सा प्याज रखें, यह लू शरीर को लगने नहीं देता और सारी गर्मी खुद सोख लेता है।
3 ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो सके। अधिक गर्मी में मौसमी फल, फल का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं।
4 लू लगने पर तत्काल योग्य डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर को दिखाने के पूर्व कुछ प्राथमिक उपचार करने पर भी लू के रोगी को राहत महसूस होने लगती है।
5 बुखार तेज होने पर रोगी को ठंडी खुली हवा में आराम करवाना चाहिए। 104 डिग्री से अधिक बुखार होने पर बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए।
6 रोगी को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए। रोगी के शरीर को दिन में चार-पांच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए। चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए।
7 प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए। बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है।
8 मरीज के तलवे पर कच्ची लौकी घिसें, इससे सारी गर्मी लौकी खींच लेगी और तुरंत राहत मिलेगी। लौकी कुम्हला जाए तो समझें कि लू की गर्मी उतर रही है। यह क्रिया बार-बार दोहराएं।
9 जौ का आटा व पिसा हुआ प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करें तो लू से तुरंत राहत मिलती है। जब रोगी को बाहर ले जाएं, तो उसके कानों में गुलाब जल मिलाकर रूई के फाहे लगाएं। रोगी की नाभि पर खड़ा नमक रखकर उस पर धार बांध कर पानी गिराए। सारी गर्मी झड़ जाएगी।
10 कैरी का पना विशेष लाभदायक होता है। कच्चे आम को गरम राख पर मंद आंच वाले अंगारे में भुनें। ठंडा होने पर उसका गूदा (पल्प) निकालकर उसमें पानी मिलाकर मसलना चाहिए। इसमें जीरा, धनिया, शकर, नमक, कालीमिर्च डालकर पना बनाना चाहिए। पने को लू के रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में दिया जाना चाहिए।