* कुछ लोगों का विश्वास है कि कुष्ठ रोग केवल स्पर्श मात्र से हो जाता है, लेकिन यह भी कुष्ठ रोग के बारे में बहुत बड़ी भ्रांति है।
* कुछ लोगों का मानना है कि कुष्ठ रोग दैवीय प्रकोप, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, पूर्व जन्म के पाप कर्मों आदि कारणों से होता है, जबकि दैवीय प्रकोप, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, पूर्व जन्म के पाप कर्मों से कुष्ठ रोग का होना केवल भ्रातियां हैं इनकी तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए।
* कुछ लोग मानते हैं कि हैं कि कुष्ठ रोग वंशानुगत होता है, लेकिन कुष्ठ रोग वंशानुगत नहीं है।
* कुछ लोग मानते हैं कि कुष्ठ रोग अत्यंत संक्रमणशील है, लेकिन यह भी कुष्ठ रोग के बारे में फैला हुआ भ्रम है बल्कि कुष्ठ रोग के ऊपर किए गए अनुसंधानों में पाया गया है कि 80 प्रतिशत लोगों में कुष्ठ रोग असंक्रामक होता है, शेष 20 प्रतिशत कुष्ठ पीड़ितों का इलाज सही समय से हो जाए तो कुष्ठ रोग कुछ ही दिनों में असंक्रामक हो जाता है।
* कुछ लोग मानते हैं कि जिन परिवारों में कुष्ठ रोगी हैं, उस परिवार के बच्चों को कुष्ठ रोग होगा ही। लेकिन यह भी कुष्ठ रोग के बारे में फैली हुई सबसे बड़ी भ्रांति है, क्योंकि अनुसंधानों से सिद्ध हो चुका है कि यह बीमारी वंशानुगत नहीं है और इसके अधिकतर मामले असंक्रामक होते है।
* कुछ लोग समझते हैं कि कुष्ठ रोग लाइलाज है, लेकिन इस रोग के संबंध में लोगों में यह गलत धारणा है। आज कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। यदि लक्षण दिखते ही कुष्ठ रोग का उपचार शुरू कर दिया जाए तो इस रोग से मुक्त होना निश्चित है।