दशहरा मनाने का हर प्रांत में अलग-अलग प्रचलन हैं परंतु विजयादशमी के दिन परंपरा से निम्नलिखित 10 कार्य करना जरूरी है। इस दिन नए वस्त्र एवं आभूषणों को धारण कर लोग रावण दहन देखने जाते हैं।
1.दशहरे पर सुबह वाहन, शस्त्र, राम लक्ष्णम, सीता व हनुमान, माता दुर्गा, अपराजिता और शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है।
2.दशहरे के दिन घर से रावण दहन देखने के लिए जाते समय तिलक लगाकर जाएं और रावण दहन का आनंद लें।
3.रावण दहन से लौटते समय शमी के पत्ते लें और उन्हें लोगों को देकर दशहरे की बधाई दें। घर लौटने वाले की आरती उतारकर उनका स्वागत किया जाता है।
4.रावण दहन के बाद लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं। दशहरे के दिन सभी स्वर्ण के प्रतीक शमी पत्तों को एक-दूसरे को बांटते हैं।
5.इस दिन बच्चों को 'दशहरी' देने का भी प्रचलन हैं। दशहरी के रूप में बच्चों को रुपए, वस्त्र या मिठाई देते हैं।
6.इस दिन खासतौर पर गिल्की के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है। पकौड़े को भजिए भी कहते हैं।
7.इन दिन दुर्गा सप्तशति या चंडी पाठ भी किए जाने की परंपरा है।
8.दशहरे के दिन पीपल, शमी और बरगद के वृक्ष के नीचे और मंदिर में दीया लगाने की परंपरा भी है। इस दिन घर को भी दीए से रोशन करना चाहिए।
9. इस दिन अपने भीतर की एक बुराई को भी छोड़ने का संकल्प लेने की परंपरा है।
10. इन दिन सारे गिले-शिकवे दूर करके अपनों को गले लगाकर उसने पुन: रिश्ता कायम किए जाने का भी प्राचलन रहा है।