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कैसे करें दशहरा पर पूजा और इस दिन क्या करें कि जीवन में हो खुशहाली और धन का हो आगमन

हमें फॉलो करें कैसे करें दशहरा पर पूजा और इस दिन क्या करें कि जीवन में हो खुशहाली और धन का हो आगमन
दशहरे का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह समय पूजा, साधना और ज्योतिष उपाय के लिए उपयुक्त माना गया है। इस बार दशहरा 15 अक्टूबर 2021 को मनाया जाएगा। आओ जानते हैं कि दशहरे की पूजा कैसे करें और क्या करें कि लाभ ही लाभ हो।
 
 
दशहरा पूजा :
 
1. दशहरा के पूजा अभिजीत, विजयी या अपराह्न काल में की जाती है।
 
2. घर के ईशान कोण में पवित्र और शुभ स्थान पर यह पूजा करें।
 
3. उस स्थान को स्वछ करके चंदन का लेप करके 8 कमल की पंखुडियों से अष्टदल चक्र बनाएं।
 
4. अब संकल्प मंत्र का पाठ करें और देवी अपराजिता से परिवार की सुख और समृद्धि की कामना करें।
 
5. अब अष्टदल चक्र के मध्य में 'अपराजिताय नमः' मंत्र के साथ मां देवी की प्रतिमा विराजमान करके उनका आह्वान करें।
 
6. अब मां जया को दाईं और और विजया को बाईं और विराजमान करके उनके मंत्र क्रियाशक्त्यै नमः और उमायै नमः से उनका आह्वान करें।
 
7. अब तीनों माताओं की शोडषोपचार पूजा करें। इसमें 1. पाद्य 2. अर्घ्य 3. आचमन 4. स्नान 5. वस्त्र 6. आभूषण 7. गन्ध 8. पुष्प 9. धूप 10. दीप 11. नैवेद्य 12. आचमन 13. ताम्बूल 14. स्तवन पाठ 15. तर्पण 16. नमस्कार किया जाता है।
 
8. शोडषोपचार में अपराजिताय नमः, जयायै नमः, और विजयायै नमः मन्त्रों का उच्चारण किया जाता है।
 
9. उक्त पूजा के बाद श्रीराम और हनुमानजी की पूजा भी करें।
 
10. अंत में माता की आरती उतारकर सभी को प्रसाद बांटें।
 
11. आरती के बाद माता से क्षमा मांगे और कहें कि हे देवी माँ! मैनें यह पूजा अपनी क्षमता के अनुसार संपूर्ण की है। जाने अनजाने मुझसे कोई गलती हुई हो तो क्षमा करें और जाने से पूर्व मेरी पूजा स्वीकार करें। पूजा संपन्न होने के बाद प्रणाम करें।
 
12. हारेण तु विचित्रेण भास्वत्कनकमेखला। अपराजिता भद्ररता करोतु विजयं मम। मंत्र के साथ पूजा का विसर्जन करें।
 
13. अब सभी कन्याओं की पूजा करके उन्हें भोजन कराएं और दान दक्षिणा देकर उन्हें प्रसन्नता से विदा करें।
 
14. इसके बाद सभी परिवार के सदस्य भोजन करें और अंत में रावण दहन के लिए बाहर जाएं।
 
15. रावण दहन के बाद लौटकर शमी की पूजा करें और सभी को शमी के पत्ते बांटने के बाद बच्चों को दशहरी दें।
 
16. माता की पूजा के बाद सैनिक या योद्धा लोग शस्त्रों की पूजा करते हैं, पूजा पाठ करने वाले पंडितजन मां सरस्वती और ग्रंथों की पूजा करते हैं। व्यापारी लोग अपने बहीखाते और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और अन्य लोग अपने औजारों की पूजा के साथ माता पार्वती और काली की पूजा करते हैं।
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ये काम करेंगे तो होगा लाभ ही लाभ :
 
1. इस दिन विजयी मुहूर्त में शास्त्र पू्जा करने से शत्रुओं का नाश हो जाता है।
 
2. इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है। जड़ के पास मिट्टी रखने से बुरी शक्तियों का असर समाप्त हो जाता है।
 
3. इस दिन की दशहरे की पूजा में शमी के पत्ते को अर्पित करने से आर्थिक लाभ होता है।
 
4. इस दिन नीलकण्ठ पक्षी के दर्शन होने से सौभाग्य के द्वार खुल जाते हैं और धन लाभ होता है।
 
5. इस दिन घर के ईशान कोण में रोली, कुमकुम या लाल रंग के फूलों से अष्ट कमल की आकृति बनाने से देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन का आगमन होता है।

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