Dussehra 2025: अश्विन माह की दशमी के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है जिसे विजयादशमी भी कहते हैं। इस दिन रावण दहन किया जाता है। इस साल 2025 में 2 अक्टूबर गुरुवार के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। परंपरा से सार्वजनिक रूप से रात्रि में रावण दहन किया जाता है। कई लोग रात को 8 बजे बाद रावण दहन करते हैं जो कि सही नहीं माना जाता। आओ जानते हैं कि रावण दहन का सही समय क्या है।
रावण दहन महत्व: दशहरे पर बड़े-बड़े पुतले बनाए जाते हैं, जिनमें रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले प्रमुख हैं। इन पुतलों को शाम को आग लगाकर जलाया जाता है। यह रावण के अहंकार और बुराई के अंत का प्रतीक है। इस दिन बुराई को खत्म कर एक नई शुरुआत की जाती है। रावण के पुतले के दस सिर दस बुराइयों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, आदि) का प्रतीक हैं।
रावण दहन सही समय: प्रभु श्रीराम ने रावण का वध प्रदोष काल में किया था। इसलिए परंपरा से रावण दहन का इसी समय में किया जाता है। प्रदोष काल का समय सूर्यास्त से पहले और बाद का होता है, आमतौर पर सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू होकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है। कुछ विद्वानों के अनुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से 2 घड़ी (लगभग 48 मिनट) तक रहता है।
सूर्यास्त का समय: इस दिन दिल्ली समय के अनुसार शाम 06:06 सूर्यास्त होगा। प्रत्येक शहर में यह समय अलग अलग रहता है। 2 से 10 मिनट तक का फर्क रहता है। इंदौर में सूर्यास्त 06:13 पर होगा।
|| 02 अक्टूबर 2025 गुरुवार विजयादशमी दशहरा मुहूर्त ||
दशमी- 01-10-2025 को शाम 07:01 को प्रारंभ।
दशमी- 02-10-2025 को शाम 07:10 को समाप्त।
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ- 02-10-2025 को सुबह 09:13 तक।
श्रवण नक्षत्र समाप्त- 03-10-2025 को सुबह 09:34 तक।
शुभ चौघड़िया: प्रात: 06:15 से 07:43 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:46 से 12:34 तक।
शस्त्र पूजा मुहूर्त: दिन में 11:46 से 12:34 तक।
वाहन खरीदी मुहूर्त: सुबह 10:41 से दोपहर 01:39 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:06 से 06:30 तक।
रावण दहन मुहूर्त: प्रदोष काल में।
नोट: दशहरा अबूझ मुहूर्त है इसमें पूरे दिन और रात ही रहता है शुभ मुहूर्त। इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं रहती है।