दशहरा के पर्व को विजयादशमी भी कहते हैं। इस दिन रावण दहन और महिषासुर मर्दिन के विजय का उत्सव भी मनाया जाता है। इस बार 15 अक्टूबर 2021 को विजयादशमी अर्थात दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। आओ जानते हैं कि शस्त्र पूजन की तिथि और मुहूर्त।
दशमी तिथि : यह तिथि 14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ होकर 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी। अत: विजय दशमी का त्योहार 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। यदि दशमी तिथि 2 दिन पड़ती है परंतु श्रवण नक्षत्र पहले दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयदशमी का त्योहार प्रथम दिन में मनाया जाता है। हालांकि इस बार दो तिथियों का संयोग नहीं है।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक। इस मुहूर्त में की गई पूजा से सभी ओर जीत मिलती है।
विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 01 मिनट 53 सेकंड से दोपहर 2 बजकर 47 मिनट और 55 सेकंड तक।
इसके अलावा जब सूर्यास्त होता है और आसमान में कुछ तारे दिखने लगते हैं तो यह अवधि विजय मुहूर्त कहलाती है। इस समय कोई भी पूजा या कार्य करने से अच्छा परिणाम प्राप्त होता है। कहते हैं कि भगवान श्रीराम ने दुष्ट रावण को हराने के लिए युद्ध का प्रारंभ इसी मुहुर्त में किया था।
अपराह्न मुहूर्त : 1 बजकर 15 मिनट 51 सेकंड से 3 बजकर 33 मिनट और 57 सेकंड तक तक।दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। यह समय सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक रहता है।
अमृत काल मुहूर्त: शाम 6 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 27 मिनट तक।