Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दशहरा की ये 10 पौराणिक बातें हैं बहुत काम की

हमें फॉलो करें दशहरा की ये 10 पौराणिक बातें हैं बहुत काम की

अनिरुद्ध जोशी

दशहरा मनाने के प्रचलन तो प्राचीन या पौराणिक काल से ही चला आ रहा है। आओ जानते हैं कि विजयादशमी की 10 खास पौराणिक काम की बातें।
 
1. विजयादशमी का पर्व माता कात्यायिनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल के पूर्व से ही प्रचलन में रहा है। इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहन की पूजा की जाती है। 
 
2. श्रीराम ने रावण का वध करने के पूर्व नीलकंठ को देखा था। नीलकंठ को शिवजी का रूप माना जाता है। अत: दशहरे के दिन इसे देखना बहुत ही शुभ होता है।
 
3. माना जाता है कि दशहरे के दिन कुबेर ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्रा देते हुए शमी की पत्तियों को सोने का बना दिया था, तभी से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है। इसलिए इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा की जाती है और उसकी पत्ति को एक दूसरे को देकर दशहरा मनाते हैं। 
 
विजयादशमी के दिन प्रदोषकाल में शमी वृक्ष के समीप जाकर उसे प्रणाम करें। पूजन के उपरांत हाथ जोड़कर निम्न प्रार्थना करें-
 
'शमी शम्यते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी।।
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता।।
 
दशहरे पर महत्वपूर्ण काल में मीठे दही के साथ शमी का लकड़ी का अपराजिता मंत्रों से पूजन करके उस सिद्ध काष्ठ की को घर में रखने से घर के सदस्सों पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
 
5.इस दिन से वर्षा ऋ‍तु की समाप्ति के साथ ही चातुर्मास भी समाप्त हो जाता है। वर्षा ऋतु में बोई गई धान की पहली फसल जब किसान घर में लाते, तब यह उत्सव मनाते थे। इस काल से सेहत बनाने का समय प्रारंभ होता है।
 
6.
आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये।
स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये॥
अर्थात क्वार माह में शुक्लपक्ष की दशमी को तारों के उदयकाल में मृत्यु पर भी विजयफल दिलाने वाला काल माना जाता है। अत: यह काल साधना, पूजा और मनोकामना सिद्धि का है। इस काल में सभी कार्य सिद्ध हो जाते है।
 
7.पौराणिक काल से ही इस दिन दुर्गासप्तशती और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने का प्रचलन रहा है। इस दिन इसका पाठ पढ़ने का फल कई गुना होता है। यह पाठ जीवन के संकट मिटाकर सुख और शांति प्रदान करता है।
 
8. दशहरा तिथि विजय मुहूर्त वाली होती है, इसलिए इस तिथि को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। दरअसल लंकापति रावण का वध कर भगवान राम ने दशहरे के दिन ही बुराई पर विजय हासिल की थी, इसलिए विजयदशमी के दिन को अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस बार नवमी और दशहरा एक ही दिन मनाए जा रहे हैं। इस बार दशहरा की तिथि पर किसी भी वस्तु की खरीददारी समृद्धिदायक रहेगी। 
 
9. इसके साथ ही इस दिन लोग बच्चों का अक्षर लेखन, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ भी करवाते हैं, क्योंकि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। दशहरे पर सर्वकार्य सर्वसिद्धि वाला विजय मुहूर्त होता है।
 
10.दशहरा पर गुप्त दान करने और संकटों से मुक्ति हेतु कई तरह के उपाय करने का भी प्रौराणिक काल से प्रचलन रहा है। मंदिर में झाडूं रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है। दशहरे पर दुर्भाग्य पर विजय पाने के विशेष उपाय। देवी पूजन कर उन पर 10 फल चढ़ाकर गरीबों में बाटें। सामाग्री चढ़ाते समय 'ॐ विजयायै नम:' का जाप करें। ये उपाय मध्याह्न शुभ मुहूर्त में करें। निश्चित ही हर क्षेत्र में विजय मिलेगी। ऐसा माना जाता है कि श्रीराम ने भी रावण को परास्त करने के बाद मध्यकाल में पूजन किया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महाष्टमी पर किस आसन पर बैठकर करें महागौरी का पूजन (जानें राशिनुसार)