इस बार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की हरिशयनी एकादशी मंगलवार, 20 जुलाई 2021 को आ रही है। इसे देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु शयन अवस्था में चले जाते हैं दूसरे शब्दों में इस दिन से देवप्रबोधिनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में निवास करते हैं। इस दिन आप कुछ सामान्य सी शुभ गतिविधियां कर करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
क्यों खास है 11 का अंक- धार्मिक शास्त्रों की मानें तो 11 का अंक बहुत ही खास माना गया है। हिंदू धर्म में भी 11 नंबर को शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुयायी 11 लड्डू, 11 नारियल और 11 रुपए मंदिर में चढ़ाना बहुत ही शुभ मानते हैं। भारत में भगवान शिव के 11 रुद्रावतार की भी मान्यता है, 11 रुद्र हनुमानजी भी कहलाते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार 11 नंबर को किसी भी कार्य के लिए पवित्रता, नई उम्मीद और नई शुरुआत का प्रतीक माना है। इस नंबर को शांति और ऊर्जा का द्योतक भी माना जाता है। 11 अंक धैर्य, ईमामनदारी, संवेदनशीलता और आध्यात्मिक समझ का प्रतीक भी माना गया है। आइए जानते हैं हरिशयनी, देवशयनी एकादशी के दिन कौन-से 11 शुभ काम करना चाहिए और कौन-से नहीं करना चाहिए-
आइए जानें 11 शुभ काम-
1. प्रात:काल स्नान के पश्चात भगवान विष्णु की सोने, चांदी, पीतल या तांबे की मूर्ति को पीतांबर से सजाकर सफेद वस्त्र से सजे तकिए तथा बिस्तर वाले एक छोटे से पलंग पर शयन कराएं। इसके साथ ही कुछ खास मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इन महीनों में कुछ चीजों के त्याग का व्रत लें।
2. देवशयनी एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
3. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
4. अगर आप धन लाभ चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।
5. एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं और तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।
6. देवशयनी एकादशी पर गाय के कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
7. पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसलिए एकादशी पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
8. विष्णु भगवान के मंदिर में जाकर अन्न (गेहूं, चावल आदि) दान करें। बाद में इसे गरीबों में बांट दें।
9. मधुर स्वर के लिए गुड़, लंबी आयु के लिए सरसों का तेल, शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए सरसों तेल और मीठा तेल, संतान प्राप्ति के लिए दूध, पाप मुक्ति के लिए उपवास।
10. सुबह-सुबह घर की साफ-सफाई के पश्चात मुख्य द्वार पर हल्दी का जल या गंगाजल का छिड़काव करें। 'ॐ नमो नारायणाय' या 'ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:' का 108 बार या एक तुलसी की माला जाप करें। घर में धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें।
11.एकादशी की शाम में तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:' का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इससे घर के सभी संकट और आने वाली परेशानियां टल जाती हैं।
एकादशी के दिन ये काम कतई नहीं करने चाहिए। वे कौन से 11 काम हैं जो हमें नहीं करना चाहिए। आइए जानें-
1. जुआ खेलना-जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं। इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।
2. रात में सोना-एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति करनी चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के निकट बैठकर भजन करते हुए ही जागरण करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
3. पान खाना-एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है। पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।
4. दातून करना-एकादशी पर दातून (मंजन) करने की भी मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं।
5. परनिंदा (दूसरों की बुराई करना)-परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना। ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं। इसलिए एकादशी के दिन दूसरों की बुराई न करते हुए भगवान विष्णु का ही ध्यान करना चाहिए।
6. चुगली करना-चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी किसी की चुगली नहीं करना चाहिए।
7. चोरी करना-चोरी करना पाप कर्म माना गया है। चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।
8. हिंसा करना-एकादशी के दिन हिंसा करने की मनाही है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।
9. स्त्रीसंग-एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। अतः एकादशी पर स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।
10. क्रोध-एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए। इससे मानसिक हिंसा होती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।
11. झूठ बोलना-झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है। जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता। इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।