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देवशयनी एकादशी पर 5 काम भूलकर भी न करें, वर्ना पछताना पड़ेगा

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WD Feature Desk

, शनिवार, 13 जुलाई 2024 (11:42 IST)
Devshayani Ekadashi 2024: आषाढ़ माह में शुक्लपक्ष के दौरान देवशयनी एकादशी आती है। इस दिन देव सो जाते हैं और 4 माह का चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है। देवशयनी एकादशी के 4 माह के बाद भगवान् विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागते हैं। देवशयनी एकादशी प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा के तुरन्त बाद आती है। इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 को रहेगी। इस एकादशी को करने से श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भूलकर भी 5 कार्य न करें।
 
1. एकादशी की पूरी रात जाग कर भगवान श्री विष्णु की भक्ति करनी चाहिए। इस रात्रि को सोना नहीं चाहिए। भगवान विष्णु की तस्वीर के पास बैठकर भजन-कीर्तन में समय व्यतीत करते हुए जागरण करना चाहिए। इससे श्रीहरि की अनन्य कृपा प्राप्त होती है।ALSO READ: इस दिन रहेगी देवशयनी एकादशी और कामिका एकादशी, जानें दोनों के शुभ मुहूर्त
 
2. एकादशी के दिन पान नहीं खाना चाहिए, बल्कि मनुष्‍य को सात्विक आचरण, विचारों में पवित्रता के साथ श्री नारायण की भक्ति में मन लगाना चाहिए। क्योंकि एकादशी के दिन पान खाना वर्जित माना गया है, यह मन में रजोगुण की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। 
 
3. एकादशी पर दातून (मंजन), पेस्ट करने की मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं। लेकिन इस दिन लकड़ी की छाल दातून के प्रयोग में लानी चाहिए, ऐसी मान्यता है। 
 
4. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है, क्योंकि इससे मन में विकार उत्पन्न होकर प्रभु भक्ति से ध्यान भटक जाता है। 
 
5. इस दिन क्रोध, हिंसा, जुआ, चोरी, परनिंदा, किसी की चुगली नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। तथा कई बार अपमानित भी होना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी इन बातों से बचने का प्रयास करना उचित रहता है। ALSO READ: देवशयनी एकादशी पर करें तुलसी की 5 तरह से सेवा, घर होगा मां लक्ष्मी का वास
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी की पौराणिक व्रत कथा
 

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