पापमोचिनी एकादशी 28 मार्च, 2022 को मनाई जा रही है। मान्यतानुसार पापमोचिनी एकादशी व्रत को पापों का नाश करने वाला माना जाता है। पापमोचिनी एकादशी व्रत रखने के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृ्ष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है, उसके समस्त पाप खत्म हो जाते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कौनसे पापों से मिलती है मुक्ति : इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भ्रूणघात समेत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिलती है।
पाप क्या है : धर्म और नीति विरुद्ध किया गया कर्म, दूसरों की स्वतंत्रता में दखल और दूसरों की वस्तु हड़पना पाप है। हिंसा, द्वेष, परनिंदा, क्रोध, कलह आदि सभी पाप के अलग अलग रूप है।
धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह:।
धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् ॥-मनु स्मृति 6/92
दस पाप कर्म :
1.दूसरों का धन हड़पने की इच्छा।
2.निषिद्ध कर्म (मन जिन्हें करने से मना करें) करने का प्रयास।
3.देह को ही सब कुछ मानना।
4.कठोर वचन बोलना।
5.झूठ बोलना।
6.निंदा करना।
7.बकवास (बिना कारण बोलते रहना)।
8.चोरी करना।
9.तन, मन, कर्म से किसी को दु:ख देना।
10.पर-स्त्री या पुरुष से संबंध बनाना।