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विष्णु प्रिय है सफला एकादशी व्रत : जानिए आज क्या करें, क्या न करें

हमें फॉलो करें विष्णु प्रिय है सफला एकादशी व्रत : जानिए आज क्या करें, क्या न करें
आज इस साल की अंतिम एकादशी यानी सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2021) है। यह एकादशी श्री विष्णु जी को अतिप्रिय है। यह एकादशी अपने नाम की तरह ही जीवन को सफल बनाने वाली मानी गई है। यहां पढ़ें आज क्या करें, क्या न करें...
 
एकादशी पर न करें ये 12 कार्य-Ekadashi dos and don'ts
 
1. ब्रह्मचर्य- एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, इस दिन स्त्रीसंग करना वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और भगवान की भक्ति में ध्यान नहीं लगता। अतः एकादशी पर यह कार्य नहीं करना चाहिए।
 
 
2. दूसरों को जानबूझ कर दुख देना- अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए किसी भी दूसरे व्यक्ति को जानबूझ कर दुख देना या उसके जीवन को खतरे में डालने से श्री विष्णु नाराज होते हैं तथा आपकी इस गलती के लिए आपको कभी भी क्षमा नहीं करते हैं। इसका अंत बहुत दुखद होता है। 
 
3. पान खाना- एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है। पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।
 
 
4. दातून करना- एकादशी पर मंजन (दातून) करने की भी मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं।
 
 
5. परनिंदा, दूसरों की बुराई करना- परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना। ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं। इसलिए एकादशी के दिन दूसरों की बुराई न करते हुए भगवान विष्णु का ही ध्यान करना चाहिए।
 
6. क्रोध- एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए। इससे मानसिक हिंसा होती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।

 
7. चोरी करना- चोरी करना पाप कर्म माना गया है। चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।
 
8. हिंसा करना- एकादशी के दिन हिंसा करने की मनाही है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।

 
9. जुआ खेलना- जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं। इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।
 
10. चुगली करना- चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी किसी की चुगली नहीं करना चाहिए।

 
11. झूठ बोलना- झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है। जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता। इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
 
12. रात्रि शयन- एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति करनी चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के निकट बैठकर भजन करते हुए ही जागरण करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

 
एकादशी पर करें यह 12 शुभ कार्य-know ekadashi vrat rules 
 
1. सुबह स्नान के पश्चात भगवान श्री विष्णु की सोने, चांदी, पीतल या तांबे की मूर्ति को पीतांबर से सजाकर सफेद वस्त्र से सजे तकिए तथा बिस्तर वाले एक छोटे से पलंग पर शयन कराएं। इसके साथ ही कुछ खास मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इन महीनों में कुछ चीजों के त्याग का व्रत लें।
 
2. एकादशी पर गाय के कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

 
3. एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। उक्त फल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से रोगी व्यक्ति तुरंत स्वस्थ हो सकता है।
 
4. पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसलिए एकादशी पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
 
5. एकादशी की शाम तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं और तुलसी के पौधे को प्रणाम करें।
 
6. एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

 
7. अगर आप धन लाभ चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें।
 
8. विष्णु भगवान के मंदिर में जाकर अन्न (गेहूं, चावल आदि) दान करें। बाद में इसे गरीबों में बांट दें।
 
9. मधुर स्वर के लिए गुड़, लंबी आयु के लिए सरसों का तेल, शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए सरसों तेल और मीठा तेल, संतान प्राप्ति के लिए दूध, पाप मुक्ति के लिए उपवास।
 
10. सुबह-सुबह घर की साफ-सफाई के पश्चात मुख्य द्वार पर हल्दी का जल या गंगाजल का छिड़काव करें। 'ॐ नमो नारायणाय' या 'ॐ नमो भगवते वसुदेवाय नम:' का 108 बार या एक तुलसी की माला जाप करें। घर में धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें।

 
11. एकादशी की शाम में तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। हो सके तो तुलसी की 11 परिक्रमा करें। 
 
12. एकादशी के दिन 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का अधिक से अधिक जाप करें। इस मंत्र जाप से जीवन के सभी संकट दूर होकर आने वाली परेशानियां से मुक्ति मिलती हैं तथा जीवन के हर कार्य में सफलता मिलती है। 
 
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