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Shattila Ekadashi: 2025 में कब है षटतिला एकादशी, क्यों मनाई जाती है?

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हमें फॉलो करें Shattila Ekadashi: 2025 में कब है षटतिला एकादशी, क्यों मनाई जाती है?

WD Feature Desk

, गुरुवार, 16 जनवरी 2025 (16:32 IST)
When will Shattila Ekadashi be celebrated : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में षटतिला एकादशी 25 जनवरी, शनिवार के दिन मनाई जा रही है। प्रतिवर्ष यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ती है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। धार्मिक मान्यतानुसार षटतिला एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे भगवान विष्णु को समर्पित किया जाता है। षटतिला एकादशी एक पवित्र व्रत है, जिसे करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। यह व्रत हमें धर्म और आध्यात्म के प्रति जागरूक करता है। इस व्रत का विशेष महत्व है और इसे कई कारणों से मनाया जाता है।ALSO READ: Astrology 2025: 29 मार्च से सतर्क रहें इन 5 राशियों के लोग, 2025 में करें 3 अचूक उपाय

आइए जानते हैं यहां षटतिला एकादशी के बारे में...
 
जानें षटतिला एकादशी मनाने के प्रमुख कारण :
 
* तिल का महत्व: षटतिला एकादशी व्रत में तिल का विशेष महत्व होता है। तिल को बहुत पौष्टिक माना जाता है और इसे देवताओं को अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।
 
* भगवान श्रीहरि की कृपा: षटतिला एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
 
* पौराणिक कथाएं: षटतिला एकादशी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें इस व्रत के महत्व को बताया गया है।
 
* पापों का नाश: इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
* सुख-समृद्धि: षटतिला एकादशी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
 
* आयु और स्वास्थ्य: इस व्रत को करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उसकी आयु बढ़ती है।ALSO READ: महाकुंभ 2025 में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा क्यों है इतना भव्य? जानिए कैसे हुई स्थापना
 
षटतिला एकादशी व्रत का विधान क्या है : 
 
* व्रत का समय : माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है।
 
* पूजा विधि : इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। व्रत कथा का पाठ किया जाता है और आरती की जाती है।
 
* तिल का दान : इस दिन तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
 
* चंद्रमा का दर्शन: रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ा जाता है।
 
षटतिला एकादशी के लाभ जानिए :
 
* मानसिक शांति : भागदौड़भरी जिंदगी में यह एकादशी व्रत को करने से मन शांत होता है।
 
* ईश्वर से जुड़ाव : एकादशी व्रत के माध्यम से व्यक्ति ईश्वर से जुड़ाव महसूस करता है।
 
* आत्मशुद्धि : षटतिला एकादशी व्रत आत्मशुद्धि का एक साधन है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: डर के मारे भगवा रंग नहीं पहन रही हर्षा रिछारिया, जानिए क्या है वजह?

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