Saphala Ekadashi 2023 : पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह व्रत 7 जनवरी 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा। आओ जानते हैं कि इस व्रत को रखने के क्या है फायदे।
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एकादशी तिथि प्रारम्भ- 07 जनवरी 2024 को 12:41 एएम से।
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एकादशी तिथि समाप्त- 08 जनवरी 2024 को 12:46 एएम तक।
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पारण का समय : 08 जनवरी 2024 को सुबह 07:15 से 09:20 के बीच।
सफला एकादशी पूजा का मुहूर्त:- Saphala Ekadashi Puja Muhurat
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ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 05:26 से सुबह 06:21 तक।
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अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:06 से 12:48 तक।
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अमृत काल : दोपहर 01:04 से दोपहर 02:43 तक।
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गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:37 से शाम 06:04 तक।
सफला एकादशी का व्रत रखने के क्या है फायदे:-
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माना जाता है कि सफला एकादशी व्रत रखने, कथा पढ़ने या सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है तथा जाने-अनजाने में हुए पापों का नाश होकर वैकुंठ मिलता है।
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इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखने तथा श्री हरि की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रीहरि के साथ ही देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती है और धन समृद्धि बढ़ती है।
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इस दिन व्रत रखने से लंबी आयु तथा अच्छे स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
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पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है।
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इस दिन भगवान श्री विष्णु-माता लक्ष्मी का विधि-विधान से एकसाथ पूजन करने से जीवन में खुशियां, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य का वरदान मिलता है।
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इस एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी मनोरथ सफल होते हैं।
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सफला एकादशी के दिन पीली वस्तुओं से विष्णु जी का पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजन करके उपवास रखने तथा पीले ऋतुफल अर्पित करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
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सफला एकादशी व्रत से अनेक वर्षों की तपस्या से ज्यादा फल मिलता है तथा जीवन के समस्त दुख, परेशानियों का नाश होता है।
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यह एकादशी व्रत सर्वश्रेष्ठ और कल्याणकारी माना गया है। अत: नियमानुसार यह व्रत रखने तथा पितृ तर्पण करके उनके लिए मुक्ति की प्रार्थना करने से पितृओं को मोक्ष तथा व्रतधारी के जीवन से अशुभता का नाश होकर शुभ फल मिलते हैं।
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नाम से ही विदित है कि सफला एकादशी सफल करने वाली मानी गई है। यदि आपको जीवन के हर कार्य में सफल होना है तो इस एकादशी के दिन विधिवत रूप से तथा शास्त्र सम्मत व्रत-पूजन करने से व्रतधारी का यश संसार में सर्वत्र फैलाता है तथा पापों से मुक्ति होकर वैकुंठ दिलाने के लिए यह एकादशी अतिलाभदायी है।