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सितंबर माह 2025 में कब कब है एकादशी?

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WD Feature Desk

, बुधवार, 3 सितम्बर 2025 (09:15 IST)
Parivartini And Indira Ekadashi 2025 : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार हर माह की सितंबर 2025 में भी दो एकादशियां पड़ रही हैं। परिवर्तिनी एकादशी, पार्श्व एकादशी, पद्मा एकादशी और जलझूलनी एकादशी एक ही व्रत के विभिन्न नाम हैं। यह एकादशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इंदिरा एकादशी एक अलग व्रत है जो पितृ पक्ष के दौरान आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ता है।ALSO READ: अजा जया एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
 
कब-कब है एकादशी 2025 में: 
 
1. परिवर्तिनी (पार्श्व) एकादशी, जो कि 3 सितंबर 2025, बुधवार को पड़ रहीं हैं, 
2. इन्दिरा एकादशी, यह 17 सितंबर 2025, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। 
 
परिवर्तिनी/ पार्श्व एकादशी: हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसका नाम 'परिवर्तिनी' इसलिए पड़ा क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा में करवट बदलते हैं। इस एकादशी को पद्मा एकादशी और जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
 
परिवर्तिनी (पार्श्व) एकादशी 2025/ 3 सितंबर, 2025, बुधवार का समय- 
 
भाद्रपद, शुक्ल एकादशी का प्रारम्भ- 03 सितंबर को 03:53 ए एम से, 
एकादशी का समापन- 04 सितबंर को 04:21 ए एम पर होगा। 
 
इंदिरा एकादशी: इस बार सितंबर माह में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इसका विशेष महत्व है क्योंकि यह पितृ पक्ष के दौरान पड़ती है। यह एकादशी पितरों को नरक की यातना से मुक्ति दिलाकर मोक्ष प्रदान करने के लिए मानी जाती है। अत: पितरों की मुक्ति के लिए इस व्रत को करने से व्यक्ति के पितरों को नरक से मुक्ति मिलती है और वे स्वर्ग लोक को प्राप्त होते हैं।
 
इंदिरा एकादशी 17 सितंबर 2025, बुधवार का समय-
 
आश्विन, कृष्ण एकादशी का प्रारम्भ- 17 सितंबर को 12:21 ए एम से,
इंदिरा एकादशी की समाप्ति- 17 सितंबर को 11:39 पी एम पर।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: अजा एकादशी व्रत कथा – पढ़ें और पुण्य पाएं

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