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मध्‍यप्रदेश के बच्‍चों पर बढ़ा खसरे का खतरा, इंदौर में 15 बच्‍चे पॉजिटिव, महाराष्‍ट्र, झारखंड और केरल में भी चपेट में आ चुके हैं बच्‍चे

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नवीन रांगियाल

देश के सबसे स्‍वच्‍छ शहर इंदौर में बच्‍चों पर खसरे (measles) का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक दर्जनभर से ज्‍यादा बच्‍चे इसकी चपेट में आ चुके हैं। इतने मामले सामने आने के बाद प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य अमला अलर्ट मोड में आ गया है। जिन इलाकों में खसरे से संक्रमित बच्‍चे मिले हैं, उनके आसपास के क्षेत्रों में सर्वे कर मॉनिटिरिंग की जा रही है। एक साथ खसरे के इतने केस सामने आने पर डब्‍लूएचओ भी अलर्ट हो गया है। यह रोग इतना खतरनाक है कि इससे बच्‍चे की मौत भी हो सकती है। पिछले दिनों महाराष्‍ट्र समेत झारखंड और केरल में भी कई बच्‍चों में खसरा संक्रमण हुआ था। अब इंदौर में मामले सामने आए हैं। बता दें कि भारत सरकार 2023 के अंत तक देश से खसरे को खत्म करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

इंदौर में 15 बच्‍चे खसरे की चपेट में
स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ तरुण गुप्‍ता ने वेबदुनिया को बताया कि टीके नहीं लग पाने और बदलते मौसम की वजह से इंदौर में बच्‍चों में मिजल्‍स यानी खसरे का खतरा लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में सिर्फ इंदौर में ही 15 बच्‍चे खसरा संक्रमण से पॉजिटिव मिले। जबकि 3 बच्‍चों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। कई बच्‍चों की जांच की जा रही है।

डब्‍लूएचओ लैब भेज रहे सेंपल
खसरे का संक्रमण इतना खतरनाक है कि इसकी वजह से बच्‍चे की जान भी जा सकती है। यही वजह है डब्‍लूएचओ भी इस बीमारी पर नजर बनाए हुए है। संदिग्‍ध बच्‍चों की जांच के बाद लिए गए सेंपल डब्‍लूएचओ की लैब में भेजे जा रहे हैं। इंदौर से कई बच्‍चों के सेंपल भोपाल के हमीदिया में स्‍थित डब्‍लूएचओ लैब भेज गए हैं।

क्‍यों इंदौर में फैल रहा खसरा?
डॉक्‍टरों के मुताबिक इंदौर में कई इलाके ऐसे हैं जहां बच्‍चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। इनमें खासतौर से इंदौर के खजराना इलाके की कई कॉलोनियां शामिल हैं। इसके साथ ही आजाद नगर, चंदन नगर, इल्‍यास नगर जैसे इलाके शामिल हैं। खजराना के कई इलाकों में बच्‍चों को संक्रमण पाया गया है। अब तक कुल 15 बच्‍चे इंदौर में संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 3 बच्‍चों की रिपोर्ट आना शेष है। इसके पीछे टीकाकरण नहीं किया जाना खसरे की वजह बन रहा है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि 2 फरवरी से अब तक छह महीने से नौ साल की उम्र के 15 बच्चे संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से एक बच्चे को टीके की पहली खुराक दी गई थी, जबकि अन्य को एक भी खुराक नहीं दी गई थी।

डब्‍लूएचओ अलर्ट मोड में
कुछ समय पहने मुंबई में और अब इंदौर में बच्‍चों में खसरे के मामले सामने आने के बाद डब्‍लूएचओ भी सतर्क हो गया है। संदिग्‍ध इलाकों में सर्वे कर जांच और सेंपल लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। इंदौर का स्‍वास्‍थ्य अमला लगातार ऐसे इलाकों का दौरा कर बच्‍चों के सेंपल ले रहा है। इन सेंपल्‍स को भोपाल के हमीदिया अस्‍पताल की लैब में भेजा जा रहा है।

कब लगता है बच्‍चों को टीका?
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ गुप्‍ता ने बताया कि बच्‍चों को दो टीके लगते हैं। एमआर1 और एमआर2। एमआर1 महीने की उम्र में लगता है, जबकि एमआर2 16 महीने की उम्र में लगता है। डॉ गुप्‍ता ने बताया कि इंदौर के जिन बच्‍चों में खसरे का संक्रमण निकला है, उन्‍हें इनमें से कोई टीका नहीं लगा था। यही वजह थी कि बच्‍चे खसरे का शिकार हुए।

अभी भी टीके से कतरा रहे परिजन
इंदौर में लगातार बढते संक्रमण के खतरे के बीच भी कई परिजन ऐसे हैं जो बच्‍चों को टीका लगवाने से कतरा रहे हैं। डॉ गुप्‍ता ने बताया कि कई मुस्‍लिम बहुत इलाकों में परिजन अलग- अलग कारण बताकर बच्‍चों को टीका लगवाना टाल देते हैं। वे बच्‍चों को टीका ही नहीं लगवा रहे हैं, ऐसे में खसरे का संक्रमण फैल सकता है।

क्‍यों खतरनाक है खसरा?
खसरा संक्रामक और खतरनाक है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में वैक्सीनेशन के बावजूद हर साल खसरे से लाखों मौत हो जाती हैं। पिछले साल ही दुनियाभर में खसरे के 90 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे और 1.28 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 22 देश ऐसे थे जहां खसरे का प्रकोप सबसे ज्यादा था।

क्‍या है खसरे के लक्षण, कैसे करे बचाव?
WHO के मुताबिक यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक शख्स से दूसरे शख्स में तेजी से फैल सकती है। उसमें पूरे शरीर में लाल चकते उभर आते हैं। बच्चों में यह बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती है। खसरा होने पर सामान्य से तेज बुखार, सूखी खांसी, लगातार नाक बहना, गले में खरास, आंखों में सूजन जैसे लक्षण दिखायी देते हैं। डॉक्‍टरों ने बताया कि सर्दी- खांसी, आंखे लाल होना, तेज बुखार और शरीर के किसी भी अंग पर दाने आ जाना इसके लक्षण हैं। इंदौर में महिला बाल विकास के साथ मिलकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अभियान चला रहे हैं। सर्वे किया जा रहा है। खासतौर से मुस्‍लिम बहुल इलाकों में जुमे  की नमाज के दौरान एनाउंस करवाया जा रहा है। मदरसों में मिलकर लोगों को जागरूक करने के लिए कहा जा रहा है।

मां बच्‍चे को मॉनिटर करें
जिसने वैक्‍सीनेशन नहीं किया उन्‍हें खतरा है। कई बार 8 से 9 साल के बच्‍चों को भी हो सकता है। इसलिए बच्‍चे की सबसे करीबी मां लक्षणों पर ध्‍यान दे और तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करे तो यह संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। प्रशासन अपने स्‍तर पर निगरानी कर रहा है, जागरूकता अभियान और टीकाकरण के लिए बताया जा रहा है।-डॉ संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम कॉलेज

किसे है खतरा?
टीकाकरण नहीं होने और मौसम में बदलाव की वजह से बच्‍चों में खसरे के मामले सामने आए हैं, हालांकि अब स्‍थिति कंट्रोल में है। जिसने 9 महीने और 16 से 18 तक जो टीके नहीं लगाए उन्‍हें खतरा है। मामूली भी लक्षण दिखते हैं तो डॉक्‍टर को दिखाएं।– डॉ प्रवीण जडिया, शिशु रोग विशेषज्ञ।

इन राज्‍यों में भी फैला खसरा
महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में बच्चों को खसरे के संक्रमण ने जकड़ा था। बीते 22 दिसंबर को आई रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ मुंबई में ही 505 मामले सामने आए थे। जनवरी 2022 से अब तक महाराष्ट्र में खसरे से 9 मौतें दर्ज की गई हैं। यहां खसरे के संदिग्ध मामले बढ़कर करीब 1300 तक पहुंच गए हैं। मुंबई के साथ ही झारखंड, गुजरात और केरल में बच्‍चों में खसरे के मामले देखने को मिले थे।

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