लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा करने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि सबसे पहले आप सबको कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत बधाई। इसके साथ ही हमारे किसान भाइयों को भी बधाई। यह किसानों के आंदोलन का परिणाम है कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी हुई है। ये लोकतंत्र की जीत है।
अखिलेश ने कहा कि सरकार घबराकर कानून वापस ले रही है। हो सकता है चुनाव बाद ये कानून फिर से वापस ले आए। अगर इनकी नीयत साफ होती तो किसानों को खाद क्यों नहीं मिल रही और मंडियों को बंद करने का काम किया गया है। लेकिन सैकड़ों किसानों से झूठी माफी नहीं चलेगी। जिन्होंने माफी मांगी है, वे राजनीति भी छोड़ें। जनता इनकी झूठी माफी समझती है। सरकार चुनाव से डर गई है और कृषि कानून को वापस लाने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों को क्या-क्या नही सुनना पड़ा और किसानों को अपमानित भी किया गया। इसलिए पूरे मंत्रिमंडल को एकसाथ इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये कानून उद्योगपतियों के लिए बना था।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड प्रधानमंत्री पहुंच रहे हैं और वे बताएं कि किस मंडी को बजट दिया गया है? प्रधानमंत्री जहां महोबा में पहुंचे हैं, वहां किसान सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं और सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की हैं। किसान इन्हें माफ नहीं करेगा और इनका सफाया होगा। अखिलेश ने कहा कि क्या माफी मांगने से जान गंवा चुके किसान वापस आ जाएंगे? किसानों के काले कानून की वापसी के साथ मंत्री, जिन्होंने हत्या की, उनका कब इस्तीफा होगा? कई ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब सरकार ने अभी तक नहीं दिया है।