Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विपक्ष के 5 नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात, एक स्वर में बोले- नए कृषि कानूनों को रद्द करे सरकार

हमें फॉलो करें विपक्ष के 5 नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात, एक स्वर में बोले- नए कृषि कानूनों को रद्द करे सरकार
, बुधवार, 9 दिसंबर 2020 (19:03 IST)
नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को राहुल गांधी, शरद पवार समेत 5 विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
 
विपक्षी नेताओं ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का अनुरोध किया। विपक्षी दलों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव डी. राजा, और डीएमके नेता टीकेएस इलंगोवान शामिल थे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें 3 कृषि कानूनों के संबंध में हमारे विचारों से अवगत कराया। हमने इन्हें निरस्त किए जाने का अनुरोध किया। हमने राष्ट्रपति को बताया कि इन कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है।
 
उन्होंने कहा कि जिस तरह से ये कानून संसद में पारित किए गए उससे हमें लगता है कि यह किसानों का अपमान है, इसलिए वे ठंड के मौसम में भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि नए कानूनों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को 'प्रधानमंत्री के मित्रों' को सौंपना है लेकिन किसान भयभीत नहीं हैं और पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपना शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति से अुनरोध किया कि ये कृषि कानून निरस्त किए जाने चाहिए क्योंकि इन पर ना ही संसद की प्रवर समिति में चर्चा की गई और न ही अन्य पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया कि तीन कृषि कानून अलोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित किए गए और कानूनों को वापस लिए जाने का अनुरोध किया। कोविड-19 परिस्थितियों के चलते विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में केवल 5 सदस्य ही शामिल रहे।
 
सितंबर में बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है। सरकार का कहना है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे।
हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था और मंडियां खत्म हो जाएंगी, जिससे वे कॉरपोरेट की दया पर निर्भर रह जाएंगे। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

किसान आंदोलन के समर्थन में सपा की जारी है किसान साइकल यात्रा