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Kisan Andolan : किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी, अचानक हुए बेहोश

हमें फॉलो करें Kisan Andolan : किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी, अचानक हुए बेहोश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

जींद (हरियाणा) , गुरुवार, 19 दिसंबर 2024 (22:21 IST)
Farmer Protest : पिछले 24 दिन से खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ गई और वह अचानक बेहोश हो गए। फिलहाल डल्लेवाल की हालत स्थिर बनी हुई है। 2 दिन से डल्लेवाल मंच पर भाषण देने में भी असमर्थ थे। अनशन पर होने के कारण शरीर लगातार कमजोर हो रहा है। इसके चलते तंबू में ही डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही थी। बृहस्पतिवार शाम को सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल डल्लेवाल से मिला और उनका हालचाल जाना।  
 
2 दिन से डल्लेवाल मंच पर भाषण देने में भी असमर्थ थे। इसके चलते तंबू में ही डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही थी। आज दोपहर को डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए। इसके बाद उनको तीन से चार बार उल्टी भी हुई। फिलहाल डल्लेवाल की हालत स्थिर बनी हुई है।
बृहस्पतिवार शाम को सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल डल्लेवाल से मिला और उनका हालचाल जाना। प्रतिदिन चिकित्सक डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। अनशन पर होने के कारण शरीर लगातार कमजोर हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में उनका वजन भी 11 किलोग्राम कम हुआ है।
 
डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर उच्चतम न्यायालय भी चिंता जाहिर कर चुका है लेकिन वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत किसानों की अन्य मांगों को लेकर अनशन पर अडिग हैं। इस बीच, कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधमंडल खनौरी बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचा और पिछले 24 दिनों से अनशन पर बैठे डल्लेवाल के स्वास्थ्य का हाल जाना।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत एमएसपी गारंटी देने की किसानों की मांग माने और डल्लेवाल का अनशन खत्म कराए। हुड्डा ने कहा कि सरकार हठधर्मिता छोड़े और किसान आंदोलन के बाद नौ दिसंबर 2021 को सरकार व किसान संगठनों के बीच हुए समझौते को तुरंत लागू करे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से किया वादा अब तक पूरा नहीं किया।
हुड्डा ने मांग की कि सरकार बिना किसी देरी के एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाए। उन्होंने कहा, अगर 101 किसान दिल्ली जाकर अपनी मांगें रखना चाहते हैं तो इसमें सरकार को क्या आपत्ति है। क्या देश के किसानों को ये भी अधिकार नहीं है कि वे अपनी बात कहने के लिए देश की राजधानी में जा सकें। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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